ज्योतिष के अनुसार हमारी सेहत को ऐसे प्रभावित करते हैं नवग्रह

ख़बरें अभी तक।  ज्योतिष के अनुसार हमारे जीवन में होने वाली किसी भी शुभ या अशुभ घटना के लिए 9 ग्रह कारक होते है। कुंडली में जब भी कोई ग्रह शुभ फल देता है तो व्यक्ति को हर काम में उसे सफलता दिलाता है। वहीं अगर कुंडली में ग्रह अशुभ है तो व्यक्ति के काम में तरह-तरह की बाधाएं आने लगती है। ग्रहों का अशुभ होना ही हमारे लिए बिमारी का कारण भी बनता है।

सूर्य के अशुभ फल देने पर व्यक्ति को आंखों और सिर से संबंधित बीमारियां होने लगती हैं। वहीं कुंडली में चंद्रमा के अशुभ प्रभाव से व्यक्ति को कफ और पेट से संबंधित बीमारियां घेरने लगती हैं।

मंगल का प्रभाव लाल रंग पर सबसे ज्यादा होता है इसलिए कुंडली में मंगल के अशुभ होने पर व्यक्ति को खून से संबंधित बीमारियां ज्यादा होने लगती है। मंगल के अशुभ होने से पेट संबधी रोग भी हो जाते हैं।

कुंडली में बुध ग्रह अशुभ प्रभाव डालता है तो आपको दांतों और नसों से संबंधित बीमारियां हो सकती है। गुरु की अशुभता से व्यक्ति को सांसों से जुड़ी हुई बीमारियां होने लगती है।

शुक्र ग्रह संपन्नता और वैभव का कारक ग्रह है। इसके अशुभ होने पर व्यक्ति एक साथ कई बीमारियों से पीड़ित होने लगता है। जिस जातकों की कुंडली में शनि ग्रह अशुभ होते हैं उनको पेट से संबंधित बीमारियां घेर लेती हैं।

कुंडली में राहु के अशुभ होने पर व्यक्ति को बार-बार बुखार होता है। कुंडली में अगर केतु ग्रह ठीक नहीं है तो व्यक्ति को हड्डियों से संबंधित बीमारियां होने लगती है।