सिरमौर के ग्रामीण क्षेत्रों में अब पॉलीथिन से बनेगी ईंटें

ख़बरें अभी तक: पॉलीथिन को सम्पूर्ण रूप से समाप्त करने के उदेशीय से सिरमौर जिला प्रशासन ने एक अनूठी पहल की है और खास तौर पर ग्रामीण परिवेश को स्वच्छ करने में कदम बढ़ाया है। वैसे तो पॉलीथिन प्रदेश में पूरी तरह से प्रतिबंधित है लेकिन फिर भी चिप्स दूध आदि के पॉलीथिन को प्रयोग में लाने  की योजना बनाई गयी है। प्लास्टिक की बोतल में पॉलीथिन को ठूंस- ठूंस कर भरा जाता है और वो बहुत सख्त हो जाती है इसे पोली ब्रिक का नाम दिया गया है। फिर इस पोली ब्रिक को डंगे  लगाने ,चारदीवारी निर्माण आदि में प्रयोग किया जायेगा ,प्रशासन एक  किलो पॉलिथन लाने  वाले को स्टील की थाली। कटोरी देकर सम्मानित भी करेगा।

इसी अभियान को लेकर उपायुक्त  सिरमौर डॉ आर के प्रूथी अन्यअधिकारीयों के साथ हर पंचायत में जाकर लोगों को जागरूक भी कर रहे हैं और उन्हें पोलीब्रिक बनाने के बारे में आवश्यक जानकारी भी दें रहे हैं। इस अभियान का उदेशय जिला को सम्पूर्ण पॉलीथिन मुक्त करना है। उपायुक्त  सिरमौर डॉ आर  के प्रुथी  ने बताया कि सभी पंचायतों को पोली ब्रिक बनाने के बारे में जागरूक किया जा रहा है।  इसके दो लाभ होंगे एक तो सारा क्षेत्र पॉलीथिन मुक्त हो जायेगा व् दूसरा पॉलीथिन को डंगे  लगाने आदि में ईंट  के तौर पर प्रयोग भी किया जायेगा। इसी अभियान को लेकर इन दिनों पुरे जिला में जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है।