शामली: फोन पर दिया तीन तलाक नहीं माना तो पत्नी को जलाया जिंदा

ख़बरें अभी तक। देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीन तलाक पर बिल पास करवा कर पहुंचने काम किया हो लेकिन मुस्लिम समाज इसको मानने को तैयार नहीं है। तीन तलाक बिल पास करवा कर मुस्लिम महिलाओं को अधिकार तो दे दिया गया लेकिन उनकी सुरक्षा या इस बिल के अनुपालन में ऐसा कुछ विशेष कार्य नहीं किया गया जिससे कि महिलाएं सुरक्षित रह सके। तीन तलाक ना मानने वाली महिलाओं को जिंदा जलाने जैसे जघन्य अपराध भी सामने आ रहे हैं।

पहले मुम्बई से फोन पर तीन तलाक फिर पंचायत में सबके सामने दिया तीन तलाक ,पत्नी के तीन तलाक ना मानने पर पति ने पत्नी को कुर्सी से बांध कर जला कर राख कर दिया जिससे पत्नी की मौके पर ही मौत हो गई। और पंचायत मूकदर्शक बनकर देखती रही। यही नहीं, मामला इससे पूर्व पुलिस में पहुंचा था अगर उस समय पुलिस मामले को गंभीरता से लेते तो शायद आज एक बेटी जलकर राख ना हुई होती।

श्रावस्ती के थाना भिनगा के गडरा गाँव से दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। जिससे आप की रूह तक कांप जाएगी। इसी गाँव के रहने वाले रमज़ान ने अपनी पुत्री सईदा की शादी कुछ साल पहले नफीक के साथ कि थी।नफीक मुम्बई में काम करता था। एक दिन नफीक और सईदा की फोन और नोक झोंक होती है। तभी नफीक सईदा को फोन पर ही मुम्बई से तीन तलाक दे देता है। सईदा इस तलाक को मानने से इनकार कर देती है। बकरीद में नफीस मुंबई से  घर आकर भरी पंचायत में भी सईदा को तीन तलाक देता है। लेकिन सईदा अपना घर बचाने के लिए तीन तलाक को मानने से इनकार कर देती है। किंयू की सईदा के दो छोटे बच्चे भी है।

वहीं पंचायत सईदा पर तलाक मानने का दबाव बनाती है लेकिन सईदा नही मानती। इसी बीच रफीक घर ले जाकर सईदा को आग लगा देता है। जँहा पर उसकी मृत्यु हो जाती है। पुलिस ने शव को कब्जे में लेने के बाद पोस्मार्टम के लिए भेज दिया है।

फिलहाल पिता की तहरीर पर साईदा के कातिलो पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है व पुलिस तफ्तीश में जुटी हुई है। अब देखना यह है कि पुलिस दोषियों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई कर तीन तलाक के ऊपर दबदबा कायम रखते हैं या फिर तीन तलाक भी हवाई ही साबित होता है।