पतंजलि योगपीठ: जड़ी-बूटी दिवस के रुप में मनाया गया आचार्य बालकृष्ण का जन्मदिवस

ख़बरें अभी तक। पतंजलि योगपीठ में बाबा रामदेव के सहयोगी आचार्य बालकृष्ण का जन्म दिवस बड़े ही हर्षोल्लास के साथ जड़ी-बूटी दिवस के रूप में मनाया गया। हर साल आचार्य बालकृष्ण के जन्मदिन को योगपीठ में जड़ी-बूटी दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस कार्यक्रम में उत्तराखंड की राज्यपाल बेबी रानी मौर्य और कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत योग गुरु बाबा रामदेव और प्रसिद्ध कवि हरिओम पंवार सहित कई गणमान्य लोग मौजूद इस मौके पर आचार्य बालकृष्ण की आयुर्वेद पर लिखी 11 पुस्तको का लोकार्पण भी किया गया।

जड़ी-बूटी दिवस पर पतंजलि योगपीठ पहुंची उत्तराखंड की राज्यपाल बेबी रानी मौर्य का कहना है कि उत्तराखंड देव भूमि है और यह जड़ी बूटियों का ही राज्य है अचार्य बालकृष्ण का जन्म दिवस जड़ी-बूटी दिवस के रूप में ही मनाया जा रहा है। इससे अच्छी और कोई बात नहीं हो सकती उत्तराखंड का हर व्यक्ति स्वस्थ रहें निरोगी रहे जड़ी बूटियों को बढ़ावा देना यह हमारा कर्तव्य है। आज पूरी दुनिया आयुर्वेद को मानती है और इसकी पहचान बाबा रामदेव ने कराई है इसलिए जड़ी-बूटी दिवस पर अचार्य बालकृष्ण का जन्मदिन तो मना ही जा रहा है। मगर कैसे हमारा स्वास्थ्य ठीक रहे और निरोगी काया रहे इसको लेकर हमारी आने वाली पीढ़ी को शिक्षा मिले तो मैं इनको बहुत साधुवाद देती हूं।

योगगुरु बाबा रामदेव ने कहा कि विश्व में बड़ी-बड़ी बीमारियों से लोगों की जान जा रही है और इस दिशा में जड़ी-बूटीया कारगर साबित हो रही है। बड़ी बड़ी बीमारियां ऐसी हैं जिनका इलाज जड़ी बूटियों में किया जा रहा है मेरी लोगों से अपील है कि ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाएं और जड़ी बूटियां भी उगाए वही बाबा रामदेव ने कहा कि आज भी आचार्य बाल कृष्ण के जन्म दिवस को पतंजलि में जड़ी-बूटी दिवस के रूप में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है।

इस मौके पर आचार्य बालकृष्ण का कहना है कि हमें जीवन में कभी भी अवसर मिले तो हम एक पेड़ जरूर लगाएं और जो कार्य हम अपनी दिनचर्या में शामिल कर लेते हैं। वह कारगर साबित होता है जीवन संरक्षण के लिए वृक्षारोपण बहुत जरूरी है इसलिए मेरी अपील है कि सभी लोग अपने जन्मदिवस पर या फिर किसी अन्य अवसर पर एक पेड़ जरूर लगाएं।

आयुर्वेदिक भारत की पुरानी परंपरा है और जड़ी बूटियों से ऋषि मुनि कई गंभीर बीमारियों का इलाज कर देते थे मगर आज के दौर में लोग आयुर्वेदिक की तरफ ज्यादा आकर्षित नहीं हो रहे हैं। आयुर्वेद की तरफ लोगों को आकर्षित करने के लिए हर साल आचार्य बालकृष्ण के जन्मदिन के मौके पर पतंजलि योगपीठ जड़ी-बूटी दिवस के रूप में मनाता है। जिससे लोग अपनी पारंपरिक विद्या की तरफ आकर्षित हो और इससे अपनी हर प्रकार की बीमारियों को दूर करें।