खबरें अभी तक। अमिताभ बच्चन सोशल मीडिया पर बराबर एक्टिव रहते हैं। हाल में वो गुलाबो-सिताबो की शूटिंग पर है, लेकिन इसके बाद भी अपने लेटेस्ट ब्लॉग में अमिताभ बच्चन ने अपने सरनेम ‘बच्चन’ को लेकर एक बड़ा खुलासा किया है। तो चलिए आपको कराते है इस खुलासे से रूबरू-
अमिताभ बच्चन ने अपने ब्लॉग में लिखा है, बच्चन शब्द कोई ‘तखल्लुस’ नहीं है। इसका मतलब कोई बचा हुआ, बचना और बचा हुआ भी नहीं है। यह किसी गोत्र, जाति को भी नहीं दशार्ता है। अमिताभ ने लिखा, बाबूजी का जन्म कायस्थ परिवार में हुआ और श्रीवास्तव सरनेम था लेकिन वह जाति प्रथा के खिलाफ थे। बाबूजी ने अपने दर्द भरे तप को नाम दिया, ‘बच्चन’ उन्होंने अपनी सारी कीर्ति, सारा जीवन इस नाम से जोड़ दिया।
जी हां, इतना ही नही बल्कि अमिताभ ने आगे बताया कि महान लेखक और शायर अक्सर अपने उपनाम रख लेते हैं। इस तरह ‘बच्चन’ मेरे पिता का उपनाम बन गया। फिर मेरा जन्म हुआ और मुझे स्कूल में दाखिल कराने का समय आया। अमिताभ आगे लिखते है कि, टीचर ने दाखिला फॉर्म में लिखने के लिए मेरा सरनेम पूछा तो मेरे मम्मी-पापा ने तुरंत आपस में बात की और फैसला लिया कि ‘बच्चन’ फैमिली का सरनेम होगा। इस तरह परिवार में सरनेम बच्चन चल पड़ा। यह हमारे साथ कायम और आगे भी रहेगा…मेरे पिता…मुझे बच्चन सरनेम के ऊपर बहुत गर्व है।