रुड़की: अस्पताल प्रबंधन पर परिजनों ने लगाया हत्या का आरोप

ख़बरें अभी तक। रुड़की का विनय विशाल अस्पताल एक बार फिर अपनी लापरवाही को लेकर चर्चाओं में है। 3 दिन पहले दिल की परेशानी को लेकर एडमिट हुए रुड़की निवासी अब्दुल रहमान की उपचार के दौरान मौत हो गई। जिसकी सूचना मिलने पर परिवार में कोहराम मच गया। मौके पर परिजनों सहित भारी भीड़ के द्वारा अस्पताल में जमकर हंगामा किया गया। मृतक के परिजनों ने सीधे अस्पताल पर उनके मरीज की हत्या का आरोप लगाया है। हंगामा बढ़ता देख अस्पताल की ओर से पुलिस को सुचना दी गई। सूचना पाकर भारी पुलिस बल अस्पताल पहुंच गया और मृतक के परिजनों को समझाने का प्रयास करने लगा।

दरअसल आपको बता दें कि रुड़की के बन्दा रोड निवासी अब्दुल रहीम को सीने में दर्द की शिकायत हुई जिसके बाद उसे विनय विशाल अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती करा दिया गया था। पिछले 3 दिन से अब्दुल रहमान का इलाज अस्पताल में चल रहा था कि अचानक आज अब्दुल रहमान की मौत हो गयी अब्दुल रहमान की मौत की खबर लगते ही परिजन और भारी भीड़ ने अस्पताल के अंदर जमकर हंगामा काटा।

वहीं परिजनों का आरोप है कि अब्दुल रहमान की अगर तबियत ज़्यादा ठीक नहीं थी तो 3 दिन तक अस्पताल में क्यों रखा गया रेफर क्यों नहीं किया गया। भीड़ का हंगामा देखते हुए अस्पताल प्रबंधन ने घटना की जानकारी गंगनहर पुलिस को दी। जिसके बाद गंगनहर कोतवाल राजेश शाह भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंच गए और मृतक के परिजनों को समझा कर शांत कर दिया जिसके बाद मृतक को रूड़की के सिविल अस्पताल में पीएम के लिए भेज दिया वहीं कोतवाली पुलिस अब मृतक के परिजनों की तहरीर आने के बाद आगे की कार्रवाई करेगी।

इस मामले में गंगनहर कोतवाली प्रभारी राजेश शाह का कहना है कि रूड़की के बंदा रोड निवासी अब्दुल रहमान की मौत के बाद परिजनों ने डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप लगाया है अब पुलिस डॉक्टर के बयान दर्ज कर रही है फिलहाल पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। पुलिस अब पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने का इंतजार कर रही है जिसके बाद कार्रवाई की जाएगी

देहरादून रोड स्थित विनय विशाल अस्पताल को लोग अब हत्यारा अस्पताल भी कहने लगे है इस अस्पताल में आये दिन डॉक्टरों की लापरवाही के कारण मरीजों की मौत की सुचना मिलती रहती है। मरीज की मौत के बाद परिजन हंगामा करते है। तोड़फोड़ करने की कोशिश करते रहते है। हंगामा बढ़ता देख अस्पताल वाले पुलिस को सुचना कर देते है। जिसके बाद पुलिस अस्पताल का सुरक्षा कवच बन जाती है।

बनना भी चाहिए मामला कानून व्यवस्था का है मगर उस मरीज का क्या जो लापरवाही के कारण अपनी जान से चला गया उनका क्या जो अपना पति,भाई,बेटा और बाप खो देते है। इस अस्पताल को खुले हुए ज्यादा समय नहीं हुआ है, लेकिन इस अस्पताल में लापरवाही के कारण हुई मरीज की मौत के बाद हंगामे के मामले इतनी बड़ी संख्या में सामने आ चुके है कि रुड़की के सभी अस्पतालों के आज तक के लापारवाही से हुई मौत के मामले मिलाकर भी इस अस्पताल के मामलो से तुलना नहीं की जा सकती।