SFI का विवि कुलपति पर भगवाकरण का आरोप, 29 जुलाई से विवि के ख़िलाफ़ आंदोलन का ऐलान

ख़बरें अभी तक: एसएफआई ने एक बार फ़िर हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय उपकुलपति के ख़िलाफ़ मोर्चा खोल दिया है। एसएफआई ने आज शिमला में आयोजित एक पत्रकार वार्ता के दौरान पत्रकारों से बातचीत करते हुए आरोप लगाया है कि विवि के उपकुलपति सिकंदर कुमार विवि का भगवाकरण करने में लगे हुए है। एस. एफ. आई. ने कहा कि हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय का प्रशासनिक ढांचा पूरी तरह से चरमरा गया है जिसके लिए कुलपति,वि.वि. प्रशासन व प्रदेश सरकार समान रूप से जिम्मेवार हैं। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के 50 वर्षों के इतिहास में पहली बार प्रशासनिक ढांचा इतना चरमरा चुका है कि वि.वि. के कुलपति के रूप में  सिकंदर कुमार  ने शपथ ली तो उन्होंने पहला बयान यह दिया कि मैं आरएसएस की वजह से यहां तक पहुंचा हूं और ता उम्र इस विचार के लिए काम करूंगा। इस बात का सिकंदर साहब समय-समय पर खूबी सबूत भी देते रहते है। विश्वविद्यालय के डीन ऑफ स्टडीज  अरविन्द कालिया भ्रष्टाचार में संलिप्त है।

एसएफआई के राज्य अध्यक्ष विक्रम कायथ ने बताया कि ICDEOL के निदेशक कुलवंत पठानिया 10 महीनों में Ph.D करवाने का कारनामा कर चुके है। विश्वविद्यालय के कुलसचिव ऑउटसोर्स के माध्यम से वि.वि. में RSS और BJP के लोगों की भर्तियां करवाने में लीन है। प्रदेश के ज्यादातर कॉलेजों में प्रिंसिपल की कुर्सी पर ऐसे लोगो को बिठाया गया है जो अपने-अपने कॉलेज में ABVP का काम प्रत्यक्ष रूप से कर रहे हैं। ऐसे लोगों का विश्वविद्यालय व कॉलेज के प्रशासन में होना यह दर्शाता है कि ये किस मंशा से इन पदों पर आसीन है। विश्वविद्यालय प्रशासन की बागड़ोर इस तरह के लोगों के हाथ में होने के कारण पिछले एक साल से विश्वविद्यालय का स्तर तेजी से गिरता जा रहा है। उनका आरोप है कि विवि में ऑनलाईन प्रणाली के खस्ताहालात है। विश्वविद्यालय के अधीन सभी कॉलेजों के छात्रों के हालात दयनीय बने हुए है।

SFI एचपीयू में व्याप्त इन तमाम समस्याओं, भ्रष्टाचार व नाइंसाफी के खिलाफ आंदोलन की शुरुआत 29 जुलाई को कोटशेरा कॉलेज प्रिंसिपल P K सलारिया की तानाशाही के खिलाफ कॉलेज में धरना प्रदर्शन व प्रिंसिपल का घेराव करेगी। 30 व 31 जुलाई को प्रदेश के तमाम कॉलेज व विवि में इन सभी मुद्दों को लेकर हस्ताक्षर अभियान चलाया जाएगा जिसे कुलपति तक पहुंचाया जाएगा। 1 अगस्त को हिमाचल के प्रत्येक कॉलेज व विवि में इन तमाम मुद्दों पर धरना प्रदर्शन किया जाएगा। अगर प्रशासन फिर भी नहीं मानता है तो इस आंदोलन को और व्यापक व उग्र किया जाएगा। जिसके ज़िम्मेदार कुलपति, प्रशासन व प्रदेश सरकार होंगे।