‘सत्ता सुख मलाई की मंशा रखने वाले नेताओं की भाजपा में नहीं होगी एंट्री’

ख़बरें अभी तक। कलायत: भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सुभाष बराला ने कहा कि सत्ता सुख मलाई की मंशा रखने वाले नेताओं की भाजपा में एंट्री नहीं होगी। राष्ट्रहित और जनहित की भावना रखने वालों को भाजपा के कारवां में शामिल किया जाएगा। सरकार की पारदर्शी नीतियों के कारण तेजी से अन्य दलों के नेताओं का रुझान भाजपा की तरफ बड़ रहा है। इस श्रृंखला में विभिन्न दलों के कई दिग्गज उनके संपर्क में हैं। प्रदेशाध्यक्ष मंगलवार को कलायत में भाजपा कार्यकर्ताओं से रूबरू थे। इस दौरान उन्होंने सभी तीन मंडल जिसमें कलायत, बालू और राजौंद शामिल है कि बैठक ली।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह हरियाणा में आएंगे। इस दौरान वे 3 लाख से अधिक पन्ना प्रमुखों को चुनाव से पहले सम्मानित करेंगे। पार्टी की नीतियों को जन-जन तक पहुंचाने के लिए जो कार्ययोजना तय की गई है उसके तहत अगस्त माह में मुख्यमंत्री मनोहर लाल प्रदेश में आशीर्वाद यात्रा शुरू करेंगे। इसे माध्यम से वे सभी वर्गों से पुन: सरकार बनाने का आशीर्वाद लेंगे। हरियाणा प्रदेश में जिस प्रकार के राजनैतिक हालात बने हैं उसमें कांग्रेस, इनेलो, जजपा और अन्य दल स्वयं को बेहद कमजोर पा रहे हैं।

इनके लिए अपने-अपने संगठनों को खड़ा करना तो दूर की बात दल छोड़कर जा रहे पदाधिकारी-कार्यकर्ताओं से इनमें बेचैनी है। बराला ने कहा कि विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा का हर कार्यकर्ता उत्साहित है। राज्य में 290 मंडलों की बैठकों के लिए मुख्यमंत्री, प्रदेशाध्यक्ष, केंद्रीय मंत्री, सांसद, हरियाणा के मंत्रियों और वरिष्ठ नेताओं की जिम्मेवारी लगाई गई है। इन बैठकों का सिलसिला 15 जुलाई तक पूर्ण होगा।

हर बूथ पर पौधे लगाने का संकल्प

भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सुभाष बराला ने कहा कि संगठन की नीतियों के प्रचार-प्रसार के साथ-साथ पार्टी सामाजिक सरोकार में अपना महत्वपूर्ण किरदार अदा कर रही है। हर बूथ पर पांच पौधे लगाने का संकल्प लिया गया है। इस कदम से हरी-भरी हरियाली वाले हरियाणा प्रदेश को नई पहचान मिलेगी।

विधायक जयप्रकाश पर ली प्रदेशाध्यक्ष ने चुटकी

सुभाष बराला ने आजाद विधायक जयप्रकाश पर भी चुटकी ली। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार भाजपा से दूर रहने वाले भी कर रहे सरकार की विकास नीति की प्रशंसा कर रहे हैं वह सबका विश्वास जीतने का बड़ा उदाहरण है। भाजपा स्वार्थी और नि:स्वार्थ सोच का आंकलन कर अन्य दलों से जुड़े नेताओं को अपने साथ मिलाएगी। टिकट या किसी अन्य निजी शर्त पर पार्टी में आने का वहम नेता दिल से निकाल दें।