यहां तहसीलदार अपनी मोहर लगाने के बाद हस्ताक्षर करना ही भूल जाते हैं

ख़बरें अभी तक। फरीदाबाद की तहसील में खुद तहसीलदार की बड़ी लापरवाही सामने आई है, बिना तहसीलदार के हस्ताक्षर के ही जमकर रजिस्ट्री हो रही हैं, तहसीलदार अपनी मोहर लगाने के बाद हस्ताक्षर करना ही भूल जाते हैं। जबकि बिन तहसीलदार के हस्ताक्षर के रजिस्ट्री मान्य नहीं होती है, ऐसे में खरीदने वाले को भारी नुक्सान हो सकता है। जिसकी शिकायत बार एसोसिएशन के पूर्व प्रधान एल एन पाराशर ने मुख्यमंत्री सहित सभी संबंधित विभागों को पत्र लिखकर जांच की मांग की है और दावा किया है कि अगर सही जांच की जाये तो करोड़ो रूपये का स्टाम्प और रजिस्ट्री घोटाला निकलेगा।

उन्होंने कहा कि अभी तक एक-एक स्टाम्प नंबर पर दो-दो रजिस्ट्री और 50 रूपये के स्टाम्प को खरीदकर 3 लाख 50 हजार का बनाने का खुलासा किया था। जिसमें सरकारी राजस्व को भी बडा नुक्सान हो रहा है। वहीं तहसीलदार मनोहर इस मामले के सामने आते ही सकपकाते हुए दिखे और कहा कि वह देखते हैं ऐसे कैसे हुआ है।

फरीदाबाद शहर के कई विभागों के अधिकारी फरीदाबाद को बेच कर अपनी जेबें भर रहे हैं। इन अधिकारियों के कारण फरीदाबाद खोखला होता जा रहा है। सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार तहसील और नगर निगम में हैं। इन विभागों के कारण फरीदाबाद पिछड़ता जा रहा है क्यू कि ये भ्रष्टाचारी सीधा सरकार को करोड़ों का चूना लगा रहे हैं। ये कहना है बार एसोशिएशन के पूर्व अध्यक्ष एलएन पाराशर का जिन्होंने तहसील में चल रहे भ्रष्टाचार के बारे में एक और खुलासा किया है। फरीदाबाद की तहसील में खुद तहसीलदार की बड़ी लापरवाही सामने आई है, बिना तहसीलदार के हस्ताक्षर के ही जमकर रजिस्ट्री हो रही हैं।

तहसीलदार अपनी मोहर लगाने के बाद हस्ताक्षर करना ही भूल जाते हैं। जबकि बिन तहसीलदार के हस्ताक्षर के रजिस्ट्री मान्य नहीं होती है, ऐसे में खरीदने वाले को भारी नुक्सान हो सकता है। जिसकी कई रजिस्ट्री पराशर ने दिखाई हैं और इनकी शिकायत मुख्यमंत्री मनोहर लाल सहित सभी सबंधित विभागों को पत्र लिखकर की है और दावा किया है कि अगर फरीदाबाद के सभी तहसीलों की जांच की जाये तो करोड़ो रूपये का घोटाला सामने आयेगा। वहीं इस बारे में तहसीलदार मनोहर से बात की गई तो वह पूरी तरह से अपनी कमी देखकर सकपका गये और कहा कि ऐसे कैसे हो सकता है वह जांच करेंगे।