ग्रीन कॉरिडोर नेशनल हाईवे की अधिग्रहीत जमीन का मामला

ख़बरें अभी तक। नारनौल से गंगाहेड़ी तक जाने वाले नेशनल हाइवे ग्रीन कॉरीडोर 152 डी की अधिग्रहित जमीन के मुआवजा को लेकर दादरी जिले के किसानों द्वारा एक तरफ जहां मुआवजा रेट वृद्धि को लेकर तो दूसरी तरफ रिवाइज्ड रेट कम मिलने को लेकर धरने चल रहे हैं। रिवाइज्ड रेटों में कम रेट मिलने पर जारी धरने पर किसानों ने प्रदर्शन करते हुए अल्टीमेटम दिया कि उनको पूर्व निर्धारित रेट अनुसार मुआवजा नहीं मिला तो वे भूख हड़ताल शुरू करने के साथ-साथ विधानसभा चुनावों में सरकार के खिलाफ प्रचार करेंगे।

किसानों द्वारा गांव ढाणी फौगाट व रामनगर में धरने जारी रहे। रामगनर में बैठे किसान जहां कलेक्टर रेट रिवाइज्ड के बाद भी मुआवजा बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। वहीं गांव ढाणी फौगाट में बैठे गई गांवों किसानों का कहना है कि रिवाइज्ड रेटों में उनकी जमीन के रेट कम दिए हैं। ऐसे में किसानों ने धरना कमेटी का गठन करते हुए आगामी दिनों में भूख हड़ताल शुरू करने का निर्णय लिया।

साथ ही किसानों ने मांग है कि उनके गांव से निकलने वाले ग्रीन कॉरिडोर पर लगने वाले टोल टैक्स की आय में भी किसानों की भागेदारी सुनिश्चित होनी चाहिए। किसान सुखवंत सिंह ने बताया कि सरकार द्वारा किसानों की सूध लेते हुए समय रहते समाधान कर देना चाहिए। अन्यथा किसान आने वाले समय में विधानसभा चुनाव के दौरान गांव-गांव जाकर सरकार के खिलाफ प्रचार करेंगे। धरने पर जजपा नेता उमेद पातुवास, आम जिलाध्यक्ष रिंपी फौगाट सहित कई सामाजिक संगठनों ने भी समर्थन दिया। वहीं गांव रामनगर के समीप भी किसानों का धरना करीब साढ़े चार माह से जारी है।