हिमाचल सरकार ने प्रशासनिक ट्रिब्यूनल किया भंग, मंत्रिमंडल की बैठक में लगी फैसले पर मुहर

ख़बरें अभी तक। हिमाचल कैबिनेट ने हिमाचल प्रदेश प्रशासनिक ट्रिब्यूनल को भंग करने का निर्णय लिया है। सीएम जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में बुधवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में ट्रिब्यूनल भंग करने का निर्णय लिया गया। ट्रिब्यूनल भंग होने के बाद सरकारी कर्मचारियों के लंबित मामले अब हाई कोर्ट में भेजे जाएंगे।

गौरतलब हो कि इससे पहले जुलाई 2008 में धूमल सरकार ने ट्रिब्यूनल को भंग किया था। कांग्रेस सरकार ने 2015 में फिर से ट्रिब्यूनल का गठन किया था। सत्ता में वापसी करते ही तत्कालीन वीरभद्र सरकार ने धूमल सरकार के इस फैसले को पलट दिया था। बहाली के दौरान उच्च न्यायालय से 17 हजार मामले सुनवाई के लिए ट्रिब्यूनल के पास आए थे। लेकिन मौजूदा भाजपा सरकार ने रिक्त पदों पर नियुक्तियां नहीं करके ट्रिब्यूनल को बंद करने के संकेत दिए थे। पूर्व अतिरिक्त मुख्य सचिव मनीषा नंदा व मुख्यमंत्री के अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. श्रीकांत बाल्दी  का ट्रिब्यूनल के सदस्य पद के लिए चयन हो गया था।