ग्रीन कॉरिडोर मुआवजा वृद्धि का मामला: मामूली रेट बढ़ाने से किसान असंतुष्ट, रेल रोकने को तैयार किसान

ख़बरें अभी तक। ग्रीन कॉरिडोर 152 डी की अधिग्रहीत जमीन का प्रशासन द्वारा नयेे कलेक्टर रेट निर्धारित करते हुए संसोधित रेट तय कर दिए हैं। तय रेटों पर किसान असंतुष्ट हैं और आगामी रणनीति बनाते हुए किसी भी समय रेल रोकने का अल्टीमेटम दे दिया है। साथ ही आगामी दो दिनों के दौरान बड़ा फैसला लेने का निर्णय लिया है।

वहीं किसानों ने सरकार व प्रशासन पर धोखेबाजी का आरोप लगाते हुए आर-पार की लड़ाई लडऩे का फैसला लिया। किसानों की 50 लाख रेट निर्धारित करने पर सहमती हुई थी, प्रशासन द्वारा 15 से 18 लाख रुपए प्रति एकड़ का संसोधित रेट किया है। वहीं किसानों के रूख को देखते हुए जिला प्रशासन द्वारा सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध करते हुए रेलवे संपत्ति को बचाने के लिए अपने स्तर पर कवायद शुरू कर दी है।

दादरी जिले के 17 गांवों के किसान गत 26 फरवरी से गांव रामनगर में धरने पर बैठे हैं। किसानों द्वारा ग्रीन कारिडोर की अधिग्रहीत जमीन का मुआवजा बढ़ाने की लगातार मांग की जा रही है। सरकार व प्रशासन के साथ हुई वार्ताओं के बाद किसानों की 50 लाख प्रति एकड़ रेट निर्धारित करनेे की मांग पर सहमती हुई। प्रशासन द्वारा संसोधित रेट की प्रक्रिया में ढिलाई बरतने पर किसानों द्वारा तीन बार रेल रोकने का अल्टीमेटम दिया जा चुका है।

सोमवार को भी किसानों ने एक्शन मोड पर आते हुए आगामी रणनीति बनाकर आंदोलन करने का निर्णय लिया गया था। वहीं किसानों के रूख को देखते हुए जिला प्रशासन द्वारा जहां सात ड्यूटी मैजिस्ट्रेट नियुक्त किए गए वहीं जिले में 27 जून से धारा 144 लागू है। सुरक्षा की दृष्टि से रेलवे संपत्ति को नुकसान से बचाने के लिए रेलवे फोर्स के अलावा हरियाणा पुलिस की चार कंपनियां तैनात हैं। प्रशासनिक अधिकारियों की किसानों की हर गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है।

किसार नेता रमेश दलाल देर शाम किसानों के धरने पर पहुंचे और प्रशासन द्वारा संसोधित रेट बारे किसानों को अवगत करवाया। जिसमें बताया गया कि अधिग्रहीत जमीन का कलेक्टर रेट 15 से 18 लाख रुपए तक प्रति एकड़ निर्धारित किया गया है। संसोधित रेटों को लेकर किसानों ने नाराजगी जाहिर करते हुए धोखेबाजी बताया। किसान नेता रमेश दलाल ने कहा कि सरकार व प्रशासन के बीच वार्ताओं के दौरान 50 लाख रुपए प्रति एकड़ कलेक्टर रेट निर्धारित करने पर सहमती हुई थी। बावजूद इसके नाममात्र बढौतरी करके किसानों के साथ अन्याय किया है। ऐसे में किसान अब एक्शन मोड पर हैं और किसी भी समय रेल रोकने को तैयार हैं। अब किसान आगामी दो दिनों में रणनीति करके बड़ा फैसला लेंगे।