HP: शिक्षा के मंदिर में दर्जा तो आदर्श का बस, सुविधाएं नहीं

ख़बरें अभी तक। वाह रे वाह प्रदेश सरकार और प्रशासन जिन्होंने बड़े बड़े अक्षरों में आदर्श विद्यालय का दर्जा तो दे दिया पर सुविधाएं देना भूल गए।  विद्यालय के मंदिर में छात्र और छात्राएं शिक्षा ग्रहण करने के लिए पहुंचते हैं पर यहां ना तो अध्यापक ना ही उन्हें बैठने के लिए कमरे है। आज हम ऐसे ही विद्यालय से आपको रूबरू कराते हैं जिला सिरमौर का राजकीय आदर्श वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय संगडाह इस विद्यालय में डाडा खिलोर राईचा लगनू बनलोग रेडली बोरली इत्यादि गांव से छात्र व छात्राएं शिक्षा ग्रहण करने के लिए पहुंचते हैं। यही नहीं कुछ छात्र और छात्राएं तो 10 किलोमीटर की दूर से शिक्षा के मंदिर में शीश झुकाने और शिक्षा ग्रहण करने आते हैं पर प्रशासन और नेताओं के अनदेखी के कारण छात्रों का भविष्य अंधकार में डूब रहा है।

एसएमसी प्रधान ने बताया कि दर्जा तो आदर्श का दे दिया पर सुविधाएं देना भूल गए। ऐसे में यहां के गरीब किसान  जो अपने बच्चों का भविष्य सवारना चाहते हैं शिक्षा ना मिलने पर बच्चों के साथ खिलवाड़ हो रहा है। केंद्र में मोदी सरकार कह रही है कि युवा देश का गौरव है यहां युवाओं को ही पीछे धकेलने में प्रशासन का सबसे बड़ा हाथ नजर आ रहा है। ऐसा नहीं है कि यहां के लोगों ने प्रशासन के उच्च अधिकारियों नेताओं व जनसभाओं में इस समस्या से सभी को अवगत करवाया है यही नहीं प्रदेश के मुख्य सीएम जयराम ठाकुर को भी इस समस्या का समाधान के लिए गुहार लगा चुके हैं पर समस्या ज्यों की त्यों बनी हुई है।

दिन-रात कड़ी मेहनत करके अपने बच्चों का भविष्य संवारने के लिए दिलो जान से मेहनत कर रहे गरीब किसान अब अपने बच्चों की चिंता मैं परेशान नजर आ रहे हैं। यहां का प्रशासन व नेता समस्या नहीं देख पा रहे हैं। ऐसे में भला गरीब किसान करे तो क्या करें। अभिभावकों का कहना है कि खुले आसमान के नीचे छात्र और छात्राओं को बिना अध्यापक के बैठना पड़ रहा है ऐसे में पिछले वर्ष की भांति इस बार भी छात्र और छात्राओं का भविष्य अंधकार में डूब सकता है अगर प्रदेश सरकार ने इस पर जल्द कोई बड़ा संज्ञान नहीं लिया तो यहां के अभिभावकों को अपने बच्चों को विद्यालय से हटाकर प्राइवेट स्कूलों में या प्राइवेट पढ़ाई करवानी पड़ेगी।