हरियाणा: युवाओं ने ठानी तो बदल गया स्टेडियम का रूप

ख़बरें अभी तक। गांव का स्टेडियम खो रहा था अपना खेल स्वरूप, खिलाडियों ने फोन की बजाए मैदान को दी पहल, दिया सन्देश मोबाईल पर नहीं मैदान में आकर खेलो स्वास्थ्य भी बचेगा, मैदान भी बचेगा व गांव का नाम भी रोशन होगा।

इंसान अगर चाहे क्या नहीं कर सकता बस मन में तस्वीर बदलने का हौसला होना चाहिए ऐसा ही कुछ गांव पिरथला के खेल स्टेडियम के वर्तमान हालात देख कर आप अंदाजा लगा सकते है जहां कुछ तस्वीर बदली है व अभी काफी बदलना बाकी है पर जितना बदला है उससे इन युवाओं के हौसले को आसानी से समझा जा सकता है। आपको याद ही होगा गांव पृथला का वो स्टेडियम जिसमें खरपतवार था पशु घुमते दिखाई देते थे।

इन हालातों को बदलने का इरादा कुछ खिलाडिय़ों ने किया जिनका साथ दिया ग्राम पंचायत ने, जिसके बाद आज यहां के हालात बदल -बदले से नजर आते है। ग्राउंड में साफ सफाई है पर्यावरण दिवस पर बुर्जगों से प्ररेणा लेकर 25 पौधों से शुरूवात की गई आज यहां 100 पौधे और लगाए गए है।

आगे का लक्ष्य 183 पौधो के साथ तैयार है जहां बारिश के दिनों में पौधे लगाए जाने है। आज यहां ग्राउंड के हालात युवा खिलाडिय़ों ने ग्राम पंचायत के सहयोग से बदले है। उनका कहना है उनकी तरफ से यह कार्य जारी रहेगा धीर-धीरे यहां पर अन्य सुविधाओं में भी इजाफा करेंगे।

खिलाड़ी अजय ने बताया कि यहां सभी बॉलीबाली के खिलाडिय़ों ने मिलकर ग्राउंड में 100 पौधे लगाए है इसमें उन्हे ग्राम सरपंच की पुरी सहायत मिल रही है सभी खिलाडिय़ों ने निर्णय लिया है कि इन पौधों को वो बड़ा भी करेंगे इनका पुरा पोषण करेंगे। इसके साथ ही यहां पर पानी की व्यवस्था भी करेंगे।

पर्यावरण को बचाने के लिए भी पौधारोपण बेहद जरूरी है। इसके अलाव उनका यह भी कहना था कि खिलाड़ी के लिए खेल से बढ़कर कुछ नहीं होता, कुछ लड़के फोन पर खेल खेलते है उनको चाहिए की ग्राउंड में आकर खेले। इससे गांव का नाम भी रोशन होगा व शरीर भी स्वस्थ होगा।

इसकी प्ररेणा कहा से मिली पर जानकारी देते हुए रोहताश ने बताया कि यहां पर धर्मशाला थी जहां पर कोई पौधा नहीं था छाया नहीं थी वहां पर गांव के बुर्जगों ने अपने दम पर पौधे लगाए जिससे वहां आज हरियाली नजर आती है ऐसा ही उन्होनें भी सोचा की जब बुर्जग कर सकते है तो वो क्यों नहीं कर सकते। इसकी शुरूवात भी पर्यावरण दिवस से उनके द्वारा की गई है।