ऑफिस या राजनीति पर चाणक्य के विचार, जिनको पढ़कर आप दुष्ट लोगों से बचाव कर सकते हैं…..

खबरें अभी तक। ऐसे ही यदि आप किसी ऑफिस में कार्य करते हैं या फिर किसी तरह की राजनीति में सबसे आगे रहना चाहते हैं तो नीचे दिए गए वचनों को ध्यान से पढ़ें और इन्हें अपनाएं. चाणक्य द्वारा लिखित नीतियों का हिंदी रूपांतरण हमने यहां किया है.

ऑफिस या राजनीति पर चाणक्य के विचार…

1. किसी कार्य को शुरू करने से पहले ये तीन सवाल जरूर पूछें.
   मैं यह क्यूँ कर रहा हूँ. इसके क्या परिणाम होंगे. क्या यह सफल होगा.
   जब आप इन सवालों पर विचार करोगे तभी आप पूरे मन से उस कार्य को कर पाओगे.

2. एक बार किसी कार्य को शुरू कर दो फिर असफलता से क्या डरना. किसी हाल में कार्य रुकना नहीं चाहिए.

3. सबसे बड़ा गुरुमंत्र – किसी को भी अपने गुप्त राज मत बताओ. ये आपको तबाह कर देगा.

4. किसी भी मित्रता में कोई न कोई स्वार्थ छुपा है. स्वार्थहीन मित्रता एक मिथक है. 

5. तीन चीज़ों पर दुनिया चलती है. अन्न, जल तथा मधुर वाणी. 

6. भय जैसे ही समीप आए, उसपर वार करो और उसका विनाश करो.

7. जब तक आपने मन में दृढ निश्चय नहीं किया, आप प्रतियोगिता में नहीं हो.

8. सर्प यदि विषहीन भी है तो भी इसे विषैला होने का स्वांग करना चाहिए.

9. दूसरों की गलतियों से सीखें. आप पूरे जीवन भर अपनी गलतियों से नहीं सीख सकते.

10. अत्यधिक ईमानदार होना भी ठीक नहीं. याद रखो, सीधे खड़े वृक्षों को सबसे पहले काटा जाता है.