भिस्तीपुर गांव में किसानों ने किया महापंचायत का ऐलान

ख़बरें अभी तक। रेलवे विभाग के द्वारा चार गांव के किसानों को उचित मुआवजा दिए बिना ही उनकी जमीन का अधिग्रहण करने के विरोध में भारतीय किसान यूनियन के किसान भिस्तीपुर गांव में पिछले एक साल से धरने पर बैठे है।लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई है, इसी बात से नाराज किसान अब एक जुलाई को भिस्तीपुर गांव में महापंचायत करने जा रहे है। इसी को लेकर आज उन्होंने एसपी देहात नवनीत सिंह से मुलाकात की है।

बता दें कि रेलवे विभाग ने लगभग सात-आठ वर्ष पूर्व देवबंद-रूड़की रेलमार्ग के लिए कई गांव के किसानों की जमीन अधिग्रहित की थी। इनमे से चार गांव ऐसे है जिनके कुछ किसानों का जो समझौता रेलवे विभाग के साथ हुआ था। उस पर अमल नहीं हो पाया है। जिसके मुताबिक प्रभावित किसान के परिवार के एक सदस्य को रेलवे में योग्यतानुसार नौकरी और मुआवजा शामिल था। लेकिन आज तक न तो मुआवज़ा ही पूरा मिल पाया न नौकरी अब किसान अपने आपको ठगा हुआ महसूस कर रहे है। इसी को लेकर भारतीय किसान यूनियन ने रेलवे विभाग के खिलाफ एक जुलाई को भिस्तीपुर गांव में महापंचायत बुलाने का एलान किया है। जिसमे आगे की रणनीति तैयार की जाएगी।

भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता विजय शास्त्री का कहना है कि उत्तराखंड में सरकार नाम की कोई चीज ही नहीं है। यहां तो सरकार को सिर्फ अपने मंत्रियो और विधायकों की सैलरी बढ़ाने का कार्य रह गया है। सरकार किसानों की तरफ कोई ध्यान नहीं दे रही है। रेलवे विभाग के खिलाफ किसान एक साल से धरने पर बैठे है, लेकिन कोई पूछने वाला नहीं है। जमीन किसानों की है और रहेगी चाहे किसानों को गोली मार दो या जेल भेज दो लेकिन किसान अपनी जमीन नहीं देंगे।