जानिए, नई वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के जीवन से जुड़ी कुछ अहम बातें

खबरें अभी तक। निर्मला सीतारमण काफी लम्बे समय से बीजेपी में नेता के तौर पर कार्यरत है। लेकिन बहुत कम लोग ही जानते है कि बीजेपी में लम्बे समय से कार्यरत होते हुए भी इन्हे वर्ष 2014 में ऐतिहासिक जीत के बाद पीएम मोदी ने उन्हे अपने कैबिनेट में शामिल किया था। कैबिनेट में शामिल होने के साथ ही निर्मला सीतारमण बीजेपी पार्टी की एक सुलझी हुई प्रवक्ता भी रही है।

अब आपको निर्मला सीतारमण के जीवन की छोटी सी यात्रा पर ले चलते है-

निर्मला सीतारमण का जन्म 18 अगस्त 1959 में तमिलनाडु के मदुराई में ब्राम्हण परिवार में हुआ था। इनके पिता का नाम श्री नारायण सीतारमण और माता का नाम सावित्री देवी है। इन्हे अपने बचपन से ही राजनैतिक व्यवस्था को समझने की जिज्ञासा रही है। इन्होने अपनी शिक्षा कि बात की तो इन्होने तिरीचिरापल्ली के सीतालक्ष्मी कॉलेज से बीए की डिग्री हासिल की। इसके कुछ समय बाद 1980 में इकोनॉमिक्य में एमए भी की। इसके तुरंत बाद इन्होने जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय से ही एमफील की डिग्री अपने नाम की।

निर्मला सीतारमण का राजनैतिक कैरियर-

निर्मला सीतारमण ने वर्ष 2006 में राजनैतिक कैरियर की शुरूआत की थी। इस वर्ष ये बीजेपी में शामिल हुई थी। फिर धीरे-धीरे निर्मला राजनीति के क्षेत्र में नाम कमाने लगी। निर्मला सीतारमण को तकरीबन कुछ समय बाद 2010 में बीजेपी की प्रवक्ता घोषित किया गया। तभी से ये महिला मंत्री डीवी डिबेट का हिस्सा बन बीजेपी के पक्ष रखने लगी। बात उस वक्त की है जब नरेन्द्र मोदी गुजरात के सीएम थे, तो गुजरात में ये बेहद लोकप्रियता चेहरा बनी। इनकी ये लोकप्रियता यही नही रूकी बल्कि जब इन्हें दिल्ली में पार्टी प्रवक्ता के तौर पर काम किया तो ये प्रसिध्दता और ज्यादा बढ़ गई। एक अच्छी व सुलझी प्रवक्ता के तौर पर निर्मला वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव के समय बेहद उच्च वर्गीय स्तर की प्रवक्ता रूपी स्त्री के रूप में साबित हुई। उस चुनाव में ऐतिहासिक जीत पा फिर बीजेपी ने केन्द्र में अपनी सरकार बनाई। चुनाव जीतने के कुछ समय बाद वर्ष 2016 में इन्हे स्वतंत्र चार्ज के मद्देनजर मिनिस्टरी ऑफ स्टेट का पद सौंपा गया। साथ में इन्हे तभी मिनिस्टरी ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री, मिनिस्टरी ऑफ फाइनेंस एंड कॉर्पोरेट अफेयर्स का कार्यभार भी मिनिस्टरी ऑफ स्टेट में प्राप्त हुआ। ठीक तभी वो वक्त था जब इन्होंने राज्यसभा के उपचुनाव में हिस्सा लिया। तब आंध्रपदेश राज्य की ओर से इन्हे भारी मतों से विजय भी प्राप्त हुई।

निर्मला सीतारमण का व्यक्तिगत जीवन-

निर्मला सीतारमण की शादी लव मैरिज हुई थीं। जी हां निर्मला सीतारमण की पहली मुलाकात डॉ परकाला प्रभाकर से जवाहर लाला नेहरू विश्ववुद्यालय में हुई थी। दोनों यही पढ़ते थे। खास बात तो ये है कि जहां निर्मला सीतारमण का झुकाव शुरू से बीजेपी की ओर रहा है तो वही इनके पति यानि डॉ प्रभाकर एक कांग्रेसी परिवार से संबंध रखते थे। उनकी माता आन्ध्रप्रदेश में कांग्रेस की तरफ से विधायक भी रह चुकी है, साथ ही उनके पिता 1970 में आन्ध्रप्रदेश के कांग्रेस सरकार के मंत्री रह चुके है।शादी के बाद दोनों लंदन शिफ्ट हो गए थे, फिर बेटी के जन्म के बाद वे भारत वापस आ गए और हैदराबाद में बस गए।

अगर बात करें इनके वर्तमान की तो आप सभी जानते ही होगे कि बीते दिन ही उन्हे वित्त मंत्री पद की कमान सौंपी गई है। निर्मला सीतारमण ने इन कुछ वर्षों में अपने काम से अपनी अलग पहचान बनाई है। इतना ही नही बल्कि पहली रक्षा मंत्री के तौर पर भी निर्मला सीतारमण को तौर पर अपनी जिम्मेदारियों का बखुबी से निर्वाहन किया है। वो सदा ही एक अच्छे व्यक्तित्व वाली महिला नेता के रुप में जानी जाती है।  निर्मला सीतारमण ने बीजेपी का हाथ थामा। वहीं आज तक बीजेपी में एक अच्छी छवि के महिला नेता है।