नाथूराम गोडसे को देशभक्त बताने पर मचा बवाल, साध्वी प्रज्ञा के पक्ष में उतरे अनंत हेगडे

खबरें अभी तक। आज देश में सातवें चरण के चुनाव प्रचार में रोक लग गई है. इसी के चलते 19 मई को मतदान की प्रक्रिया भी अपने अंतिम चरण में होगी. चलिए बात करते हैं इन दिनों राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे की. नाथूराम गोडसे पर सियासत गरमाती नजर आ रही है. आपको याद दिला दें कि कमल हासन ने नाथूराम गोडसे को हिंदू आतंकवादी कहा था जिसके बाद भोपाल सीट से बीजेपी प्रत्याशी साध्वी प्रज्ञा भी मैदान में उतर गई. साध्वी प्रज्ञा ने कमल हासन के बयान की आलोचना करते हुए कल कहा था कि नाथूराम गोडसे हिंदू आतंकवादी नहीं बल्कि देश भक्त हैं. नाथूराम गोडसे को देश भक्त बताने पर जहां विपक्ष ने उनके इस बयान की निंदा की तो वहीं उनकी ही पार्टी बीजेपी ने भी साध्वी प्रज्ञा के इस बयान कि कड़ी निंदा की और साध्वी प्रज्ञा को इस बात के लिए माफी मांगने को कहा.

अब इस पूरे मामले में बीजेपी के नेता आपस में ही झगड़ने लगे हैं. जहां बीजेपी प्रवक्ता जीवीएल नरसिम्हा राव ने इस बात पर साध्वी प्रज्ञा से माफी मांगने को कहा तो वहीं दूसरी ओर इस पूरे मामले के बीच मोदी सरकार में मंत्री अनंत कुमार हेगड़े ने साध्वी प्रज्ञा का पक्ष लिया है. हेगड़े ने कहा कि अब समय आ गया है कि नाथूराम गोडसे को लेकर 7 दशक के बाद सार्थक चर्चा हो रही होगी.  अनंत हेगड़े ने शुक्रवार सुबह ट्वीट कर लिखा, ‘मैं खुश हूं कि करीब 7 दशक के बाद आज की पीढ़ी नए बदलाव के साथ इस मुद्दे पर चर्चा कर रही है. इस चर्चा को सुन आज नाथूराम गोडसे अच्छा महसूस कर रहे होंगे’. एक अन्य ट्वीट में उन्होंने लिखा कि अब समय है कि आप मुखर हों और माफी मांगने से आगे बढ़ें, अब नहीं तो कब?’ अनंत हेगड़े ने ये ट्वीट एक ट्वीट के जवाब में दिया है. अब देखना ये होगा कि नाथूराम गोडसे पर सियासत कहां तक पहुंचती है. ये सिर्फ चुनावी मुद्दा बनकर रह जाएगा या आगे भी इस मामले में जंग जारी रहेगी.