हिमाचल के नेताओं को शांता कुमार की नसीहत अपनी भाषा पर रखे संयम

ख़बरें अभी तक। हिमाचल  प्रदेश में हमेशा राजनीति ऊंचे स्तर की रही है। लेकिन अब पिछले कुछ समय से यहां राजनीति का स्तर गिरने लगा है। ऐसे में मेरा सभी नेताओं से आग्रह है कि वे अपनी भाषा पर संयम रखें।

जिला कुल्लू की मणिकर्ण घाटी के शाट में चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने कहा कि पहले नेता शब्द एक सम्मान का शब्द हुआ करता था। लेकिन पिछले लंबे समय से अब राजनीति का स्तर गिरने लगा है और नेता शब्द को अब सम्मान की दृष्टि से नहीं देखा जा रहा है। ऐसे में प्रदेश के नेताओं को भी जनसभा के दौरान इस शब्द की गरिमा को बनाए रखना होगा। ताकि जनता के बीच नेता शब्द का मतलब जाना जा सकें।

वहीं केंद्र में विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने कहा कि चार-पांच दलों के लोग मिलकर विपक्ष की भूमिका निभा रहे हैं। जबकि सच्चाई यह है कि उनके पास अपना कोई भी सशक्त नेता नहीं है। देश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोगों के लिए एक अच्छा विकल्प है और विपक्षी दलों के नेता आपस में मिलकर भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मुकाबला नहीं कर सकते हैं।

वहीं प्रदेश में भाजपा के बागी नेताओं की पार्टी में वापसी के सवाल पर शांता कुमार का कहना है कि इस मामले में भाजपा निर्णय ले रही है और किस नेता को पार्टी में वापस लेना है। यह पार्टी का अपना निर्णय है। राजन सुशांत का नाम अभी तक पार्टी द्वारा फाइनल नहीं किया गया है। जब पार्टी को लगेगा कि राजन सुशांत सहित अन्य बागी नेताओं को पार्टी में वापस लेना है तो उन्हें वापस ले लिया जाएगा।