मतदान में दिव्यांगों की सहायता के प्रशासन के दावे फेल,बूढ़े और दिव्यांगों को नहीं मिली सहायता

ख़बरें अभी तक। बाराबंकी के पोलिंग बूथ पर आज प्रशासन के दावे फेल होते दिखाई दिए, यहां प्रशासन ने दावा किया था कि बूथ पर दिव्यांग और बूढ़े मतदाताओं की सहायता मतदान के लिए उपलब्ध कराई जाएगी मगर बूथों पर जो नज़ारा दिखा वह प्रशासन के दावों को मुंह चिढ़ाने वाला रहा ,यहां दिव्यांग और बूढ़े और असहाय व्यक्ति मतदान करने पहुंचे जरूर मगर खुद अपनी सहायता से न कि प्रशासन की सहायता से।

असहाय मतदाताओं को सहायता न मिलने का नज़ारा सामने आया है बाराबंकी जनपद से पहला नज़ारा यहां के सिद्धौर विकास खण्ड के सेरसा गांव का जहां एक दिव्यांग बड़ी मुश्किल से अपना मतदान करने बूथ पर पहुंचा।  तस्वीरों में साफ़ दिखाई दे रहा है कि यह दिव्यांग किस मुश्किल से अपना पैर घसीटते हुए मतदान पर पहुंचा और अपना मतदान किया।

दूसरी तस्वीर बाराबंकी के सूरतगंज विकासखण्ड इलाके के अमेरा गांव से आयी हैं जहां एक अतिवृद्ध दम्पत्ति राणा जियावन और नन्दरानी अपने दम पर लड़खड़ाते हुए बूथ पर पहुंचे और अपना मतदान किया।  राम जियावन की उम्र की बात करें तो उनकी उम्र 119 वर्ष है तो वहीं इनकी पत्नी नंदरानी की उम्र 105 वर्ष है।  इतनी उम्र के बाद भी वह मतदान केंद्र साथ -साथ पहुंचे और अपने मतदाता और जिम्मेदार नागरिक होने का धर्म निभाया।  इस दौरान इस दंपत्ति ने सबसे अनिवार्य मतदान करने की अपील की।