स्टेट बैंक ने जेट एयरवेज की हिस्सेदारी बेचने के लिए मांगी बोली

ख़बरें अभी तक। वित्तीय संकट से जूझ रही जेट एयरवेज में हिस्सेदारी बेचने के लिए भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने रणनीतिक के साथ – साथ वित्तीय बोलीदाताओं से बोली आमंत्रित की है। सार्वजनिक सूचना के अनुसार, एसबीआई जेट एयरवेज के “प्रबंधन और नियंत्रण में बदलाव” पर विचार कर रहा है। स्टेट बैंक, एयरलाइन को कर्ज देने वाले ऋणदाताओं के समूह की अगुवाई कर रहा है। एसबीआई कैपिटल मार्केट्स बोली प्रक्रिया में कर्जदाताओं की सहायता करेगी और परामर्श देगी। बता दें कि बोलियां 10 अप्रैल तक जमा की जा सकती हैं।

वहीं ऋण समाधान योजना के तहत ऋणदाताओं के समूह ने जेट एयरवेज का नियंत्रण अपने हाथों में ले लिया है। जेट एयरवेज के निदेशक मंडल द्वारा 25 मार्च को मंजूर कर्ज समाधान योजना के तहत कर्जदाताओं ने एयरलाइन में बहुलांश हिस्सेदारी ली और उसमें 1,500 करोड़ रुपये की पूंजी डालने की तैयारी में हैं। इसके अलावा एयरलाइन के संस्थापक और प्रवर्तक नरेश गोयल के साथ उनकी पत्नी अनीता गोयल ने निदेशक मंडल से इस्तीफा दे दिया। गोयल की हिस्सेदारी भी 51 प्रतिशत से घटकर 25 प्रतिशत पर आ गयी है।

विज्ञापन के अनुसार, एयरलाइन ने एसबीआई की अगुवाई वाले ऋणदाताओं के समूह से 8,000 रुपये से अधिक का कर्ज लिया है। कंपनी इस समय दिक्कतों से गुजर रही है और वह अपने कर्ज की अदायगी में सक्षम नहीं है। वित्तीय संकट के चलते जेट एयरवेज पायलटों समेत अन्य कर्मचारियों के वेतन में देरी कर रही है और उसे कई विमान खड़े करने पड़े हैं। बैंकों के समूह ने कम से कम 3.54 करोड़ शेयरों (कंपनी की इक्विटी शेयर के 31.2 प्रतिशत)  से लेकर अधिकतम 8.51 करोड़ शेयर (75 प्रतिशत) की पेशकश का प्रस्ताव किया है।

बैंक ने कहा कि बोलीदाता रणनीतिक निदेशक और/या वित्तीय निवेशक हो सकते हैं। संभावित खरीददार यदि कोई अतिरिक्त जानकारी या संशय का समाधान चाहते हैं तो मंगलवार (5 अप्रैल) दोपहर तीन बजे तक अपने प्रश्न भेज सकते हैं, जबकि अभिरुचि पत्र 10 अप्रैल शाम छह बजे तक जमा कराये जा सकते हैं। बीते सप्ताह कर्जदाताओं के समूह ने कहा था कि वे मौजूदा कानूनी तथा नियामकीय रूपरेखा के तहत समयबद्ध तरीके से समाधान योजना को आगे बढ़ाएंगे।