शहीदों के सम्मान में बना नेशनल वॉर मेमोरियल, 55 साल पहले सशस्त्र बलों ने रखा था प्रस्ताव

ख़बरें अभी तक। शहीदों की याद में बने नेशनल वॉर मेमोरियल को बनाने का प्रस्ताव 55 साल पहले वर्ष 1960 में सशस्त्र बलों ने दिया था, जिसके बनने का कार्य अब जा के हुआ है. मोदी सरकार आने के बाद अक्टूबर 2015 में इस स्मारक के निर्माण को मंजूरी दी गई। 40 एकड़ में बनाया गया ये मेमोरियल उन जवानों के प्रति सम्मान का सूचक है, जिन्होंने देश की रक्षा के लिए अपनी जान दी है. नेशनल वार मेमोरियल इंडिया के पास बना है, जिसका उद्धाटन प्रधानमंत्री ने किया। उद्धाटन के अवसर पर प्रधानमंत्री ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस और गांधी परिवार ने कभी सेना की परवाह नहीं की. उन्होंने ये भी कहा कि देश को सोचना होगा कि देश पहले है या परिवार पहले?

नेशनल वार मेमोरियल की ख़ास बातें
नेशनल वॉर मेमोरियल को नई दिल्ली के इंडिया गेट परिसर में बनाया गया है. यह विभिन्न युद्धों में मारे गए भारतीय सैनिकों की याद में बनाया गया है.
अमर जवान ज्योति के पास 40 एकड़ में फैले इस वॉर मेमोरियल को 176 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया है.
नेशनल वॉर मेमोरियल में अमर जवान ज्योति की तरह ही हर वक्त ज्योति चलती रहेगी.
इसमें 1962 के बाद से अब तक विभिन्न युद्धों में मारे गए 25,942 सैनिकों के नाम दर्ज हैं. इनके नाम मेमोरियल परिसर की 16 दीवारों पर दर्ज किए गए हैं.
इसे महाभारत के चक्रव्यूह के अंदाज़ में चार चक्र में बनाया गया है- अमर चक्र, वीरता चक्र, त्याग चक्र और रक्षक चक्र.
इसके अलावा इस मेमोरियल में राम सुतार के बनाए तांबे की छह म्युरल भी बनाए गए हैं.