जेएनयू मामला: दिल्ली पुलिस को कोर्ट की फटकार

ख़बरें अभी तक। दिल्ली पुलिस द्वारा जेएनयू के पूर्व अध्यक्ष और 10 अन्य के खिलाफ पटियाला हाउस कोर्ट में चार्जशीट दायर करने पर कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से सवाल किया है। दिल्ली सरकार के कानून विभाग से अनुमति लिए बगैर जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय देशद्रोह मामले में आरोप पत्र दाखिल करने पर पटियाला हाउस कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को आड़े हाथों लिया। अदालत ने सवाल उठाया कि आखिर आरोप पत्र दाखिल करने से पहले दिल्ली सरकार से इजाजत क्यों नहीं ली गई?

पटियाला हाउस कोर्ट में दीपक शेरावत ने पूछा कि क्या आपके (दिल्ली पुलिस) पास कानून विभाग नहीं है? अदालत ने सख्त रुख अपनाते हुए कहा कि जब तक दिल्ली सरकार इस मामले में आरोप पत्र दाखिल करने की इजाजत नहीं दे देती, तब तक अदालत इस पर संज्ञान नहीं लेगी। इस पर दिल्ली पुलिस की तरफ से कहा गया कि वह आगामी 10 दिनों में अनुमति ले लेगी। इसके बाद अदालत ने मामले की सुनवाई 6 फरवरी तक के लिए टाल दी।

बता दें कि, जेएनयू परिसर में नौ फरवरी 2016 को आयोजित एक कार्यक्रम को लेकर कन्हैया व उनके साथियों के खिलाफ दाखिल एफआईआर दर्ज हुई थी, जिसके आधार पर दिल्ली पुलिस ने चार्जशीट दायर की है। एफआइआर के मुताबिक, उस दिन संसद हमले के दोषी अफजल गुरु को फांसी देने के विरोध पर कथित रूप से देश-विरोधी नारेबाजी हुई थी। ऐसा तब हुआ था, जब इससे पहले अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की शिकायत पर प्रशासनिक विभाग ने कार्यक्रम को लेकर अनुमति देने से इनकार कर दिया था।

कन्हैया, उमर और अनिर्बान पर तब इस कार्यक्रम का आयोजन कराने के आरोप में गिरफ्तार भी किए गए थे। हालांकि, बाद में तीनों को जमानत भी मिल गई थी, जबकि शुरू में वसंत कुंज (उत्तरी) पुलिस थाने में 11 फरवरी 2016 को आईपीसी की 124-ए (राजद्रोह) के तहत मामला दर्ज हुआ था। बाद में दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल को यह मामला सौंप दिया गया था।