मदरसों में शिक्षा ग्रहण करने वाले छात्र अब दे सकेंगे सेना की सीधी भर्ती परीक्षा

खबरें अभी तक: केन्द्रीय मुस्लिम अलीगढ़ युनिवर्सिटी अब मदरसों में पढ़ने वाले बच्चों को सेना में सीधी भर्ती के लिए तैयार कर रही है। अब मदरसों से शिक्षा ग्रहण करने वाले बच्चें भी सिपाही और हवलदार बनने के बजाए सीधे नायब सूबेदार के रैंक पर तैनात हो सकेंगे। इसके उन्हें इस्लामिक चैपलिन कोर्स करना होगा और ये कोर्स मुस्लिम अलीगढ़ उन्हे करवाएगी। एएमयू के पीआरओ उमर पीरज़ादा ने बताया, कि जुलाई से शुरू होने वाले नए सत्र में एएमयू इस्लामिक चैपलिन के नाम से एक साल का कोर्स शुरू करने जा रहा है।

यह कोर्स करने के बाद छात्र सेना में मौलवी के पद पर भर्ती हो सकेंगे। इस कोर्स को करने के लिए ये जरूरी होगा कि मदरसे से आने वाले छात्रों के पास बीए के समकक्ष कोई डिग्री हो। इस कोर्स में 10 सीटें रखी गई हैं। 5 सीटें लड़कियों के लिए तो 5 सीटें लड़कों के लिए हैं। भारतीय सेना में हर साल धर्म शिक्षक (पंडित, मौलवी, पादरी, ग्रंथी, बौद्ध संन्यासी आदि) के पद पर नियुक्तियां होती है। इसी को ध्यान में रखते हुए एएमयू के में यह नया पाठ्यक्रम शुरू हो रहा है।