आपने सुना, खाप को खाक में मिलाने की अर्जी सुप्रीम कोर्ट ने खुद दे दी

खबरें अभी तक। सुप्रीम कोर्ट ने खाप पंचायतों के खिलाफ बेहद सख्त रुख अपनाते हुए साफ किया कि एक बालिग जोड़े को प्रेम विवाह करने से कोई खाप नहीं रोक सकती. कोर्ट ने साथ ही कहा कि प्रेम विवाह करने वालों के खिलाफ खाप के फरमान पूरी तरह से गैरकानूनी हैं. केंद्र सरकार खाप पंचायतों को बैन करे.

चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली तीन जजों की बेंच ने मंगलवार को इस मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि कोई खाप, समाज या माता-पिता बालिगों को किसी के साथ प्रेम विवाह करने से रोक नहीं सकते. इस बेंच में जस्टिस मिश्रा के अलावा एएम खानविलकर और डीवाई चंद्रचूड़ शामिल थे.

सुप्रीम कोर्ट ने खाप पंचायतों और प्रेम विवाह करने वालों पर होने वाले हमले रोकने में नाकामी को लेकर केंद्र और राज्य सरकार को भी फटकार लगाई है. कोर्ट ने केंद्र सरकार से इस संबंध में उठाए गए कदमों पर जवाब तलब किया है.चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने कहा कि अगर खाप पंचायतों को बैन करने के लिए केंद्र कदम नहीं उठाता, तो फिर कोर्ट कार्रवाई करेगा. कोर्ट अब दो हफ्तों बाद इस मामले में सुनवाई करेगा.