यमुनानगर: डॉक्टरों की कमी से जूझ रहा नाहरपुर गांव का अस्पताल

ख़बरें अभी तक। यमुनानगर के नाहरपुर गांव का अस्पताल जो के लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करता है लेकिन आजकल यह खुद बीमार पड़ा हुआ है। क्योंकि यहां पर केवल एक ही  महिला डॉक्टर है जबकि इस अस्पताल में 5 डॉक्टर की और जरूरत है। महिला डॉक्टर ने बताया कि इस बारे में उन्होंने लिखित में विभाग को जानकारी दी हुई है लेकिन अभी तक कोई भी डॉक्टर वहां पर नहीं लगाया गया है।

यमुनानगर के नाहरपुर गांव का अस्पताल आजकल डॉक्टर की कमी से जूझ रहा है इस अस्पताल की बात करें तो लगभग 50 के  करीब गांव इस अस्पताल के अधीन आते हैं। पिछले कई महीनों से सिर्फ एक ही महिला डॉक्टर है। जिससे लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। लोगों को अपना इलाज करवाने के लिए यमुनानगर के अस्पताल में चल कर आना पड़ता है लोगों का कहना है कि यहां पर डॉक्टरों की सुविधा ना होने के कारण उनको जान तो यमुनानगर रेफर कर दिया जाता है या फिर चंडीगढ़ भेज दिया जाता है।

लोगों का यह भी कहना है कि महिला डॉक्टर के साथ साथ यहां पर पुरुष डॉक्टर का भी होना बहुत जरूरी है क्योंकि कई बार पुरुष महिला डॉक्टर को अपनी बीमारी बताने में झिझक जाते हैं। गांव के बलजिदर ने बताया कि इस अस्पताल में दो-तीन सालों से एक महिला डॉक्टर है एक और डॉक्टर विजय विवेक है लेकिन उनको यमुनानगर के सिविल हॉस्पिटल में डिफ्यूज किया गया है हालांकि उनकी ड्यूटी नाहरपुर में है जिससे लोग बहुत परेशान हो रहे हैं । हालांकि पांच डॉक्टरों की यहां जरूरत है।

उन्होंने बताया कि इस अस्पताल में कम से कम 50 गांव लगते हैं और 4:00 बजे के बाद यहां पर कोई भी डॉक्टर उपलब्ध नहीं होता जिससे कई बार तो मरीज की जान तक चली जाती है। नाहरपुर की महिला डॉक्टर ने बताया कि इस अस्पताल में 5 डॉक्टर की कमी है। अभी कुछ दिन पहले ही यहां पर दंत चिकित्सक आए हैं। अगर कोई इमरजेंसी आती है तो उनको फर्स्ट ऐड देकर रेफर कर दिया जाता है। डॉक्टर का कहना है कि चार डॉक्टर और एक एस एम ओ की पोस्ट इस हस्पताल में खाली है।