महिला प्राधानाचार्य ने की शिकायत, कहा मुझे देखकर बजती हैं सीटियां तो छात्राओं की सुरक्षा क्या खाक होगी

ख़बरें अभी तक। जिस स्कूल में स्कूल की प्राधानाचार्य को ही देखकर सीटीयां बजाई जाती हो उस स्कूल में छात्राओं की सुरक्षा के क्या मायने होंगे। ये खुलासा फरीदाबाद के एनआईटी में बने सरकरी गर्ल्स स्कूल की प्राधानाचार्य ने एक और सुधार हरियाणा के प्रोजेक्ट डायरेक्टर रॉकी मित्तल के सामने किया।

प्रोजेक्ट डायरेक्टर रॉकी मित्तल फरीदाबाद के एनआईटी में बने सरकारी स्कूल का निरक्षण करने पहुंचे, जहां छात्राओं से वार्तालाप को लेकर स्कूल प्राधानाचार्य और प्रोजेक्ट डायरेक्टर रॉकी मित्तल के बीच जमकर बवाल मचा। वहीं जब छात्राओं ने फोन करके मदद के लिए महिला पुलिस को बुलाया तो महिला पुलिस को छात्राओं की मदद के ‌लिए आने में एक घंटा लग गया।

फरीदाबाद के सरकारी स्कूल में एक और सुधार हरियाणा के प्रोजेक्ट डायरेक्टर रॉकी मित्तल ने छात्राओं की सुरक्षा को लेकर स्कूल का दौरा किया। जैसे ही प्रोजेक्ट डायरेक्टर ने छात्राओं से स्कूल के बाहर घर जाते समय होने वाली घटनाओं के बारे में पूछना शुरू किया।

तो स्कूल की प्राधानाचार्य भड़क उठी। इतना ही नहीं मौके पर ही प्रोजेक्ट डायरेक्टर रॉकी मित्तल को खरी खोटी सुनाई। जब रॉकी मित्तल ने मामले को छात्राओं की सुरक्षा से जुड़ा हुआ बताया तो प्राधानाचार्य ने यह कह दिया कि अगर में भी बाहर जाती हूं तो मुझे भी देखर सीटी मारते है।

जिसके बाद प्रोजेक्ट डायरेक्टर रॉकी मित्तल और प्राधानाचार्य के बीच जमकर कहासुनी हुई। प्राधानाचार्य ने यहां तक कह दिय है कि प्रोजेक्ट डायरेक्टर रॉकी मित्तल उनको टार्चर कर रहे है और जबरदस्ती लड़कियों से अपने सवालों के जवाब हां में ले रहे है। जिसके बाद रॉकी मित्तल दौरे को अधूरा छोड़कर ही स्कूल से बाहर निकल गये।

फरीदाबाद में स्कूल के दौरे के बाद प्रोजेक्ट डायरेक्टर रॉकी मित्तल ने बल्लभगढ़ के गर्ल्स सरकारी स्कूल में दौरा किया और छात्राओं से मुलाकात की। जिसके बाद छात्राओं ने जो बयान दिए वो वाकई में हैरान करने वाले थे। इस स्कूल में एक या दो नहीं दर्जनों ऐसी छात्राएं मिली जिनको रोजाना स्कूल आते जाते समय छेड़खानी जैसे मामलों का शिकार होना पड़ रहा था।

छात्राओं ने बताया कि ऑटो चालक उनको किस तरह से परेशान करते है। छात्राओं ने बताया कि ऑटो चालक गंदे गाने चलाकर, रास्ते में खड़े लड़के झूंड में उनका पीछा करते है और उनको गालियां देते है। ऑटो चालक सीधा चलने की बजाय दूसरे रास्तों से घूमाकर उनको घर पहुंचाते है।

वहीं जब फरीदाबाद पुलिस की कार्यशैली देखने के लिए खुद छात्राओं से पुलिस को फोन कराया गया तो करीब एक घंटे बाद महिला पुलसि व अन्य पुलिस छात्राओं की हैल्प के लिए पुहंची। खुद एक और सुधार हरियाणा के प्रोजेक्ट डायरेक्टर रॉकी मित्तल ने इस बात का खुलासा किया। उन्होंने बातचीत में बताया फरीदाबाद में बेटीयों की सुरक्षा राम भरोसे है। फोन करने के एक घंटे तक पुलिस नहीं आ रही है।