अन्तर्राष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव में 18 हजार छात्रों ने किया गीता पाठ

ख़बरें अभी तक। अन्तर्राष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव के पांच दिवसीय कार्यक्रम का समापन 18 हजार छात्रों द्वारा गीता पाठ से हुआ। इस मौके पर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज मुख्य् अतिथि थी। उन्होंने श्रीमद भागवत गीता को विश्व का सबसे बड़ा दार्शनिक ग्रंथ और भगवान श्री कृष्ण को सबसे बड़ा दार्शनिक बताया। समारोह में बाबा रामदेव, उड़ीसा के राज्यपाल डॉ. गणेशी लाल, सुधांशु महराज, धर्मगुरु भूपेंद्र सिंह, चितानंद महराज, इंद्रेश व अन्य गणमान्य व्यकिती मौजूद थे।

कुरूक्षेत्र का थीम पार्क उस समय गीतामय हो गया जब 18000 छात्र बच्चों ने एक ही स्वर में गीता का पाठ किया। गीता के 18 अध्याय के 18 श्लोकों को सुनने के लिए मंच पर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज मौजूद थी। उनके साथ योगगुरु बाबा रामदेव, उड़ीसा के राज्यपाल गणेशीलाल, गीता मनीषी ज्ञानानंद महराज, परमार्थ निकेतन के चिन्मयानंद व अन्य गणमान्य लोग मंच पर मौजूद थे।

इस मौके पर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने गीता को दुनिया का सबसे बड़ा ग्रंथ बताया और भगवान श्री कृष्ण को दुनिया का सबसे बड़ा दार्शनिक बताया। उन्होंने कहा कि वो श्रीमद भागवत गीता का रोज दो श्लोक पड़ती है और उसका मनन करती है। गीता को पढ़ना, सुनना और ज्ञान प्राप्त करना अच्छा है लेकिन सबसे अच्छा गीता को अपने जीवन मे उतारना है।

बाबा रामदेव ने कहा कि गीता कर्म और पुरुषार्थ करने को कहती है। पार्क में बैठे छात्रों को बाबा रामदेव ने जीवन मे नंबर वन रहने की प्रेणना दी और कहा कि गीता लोगो को कर्म और पुरषाथ करने की प्रेरणा देती है। समापन समारोह में अन्य संतो ने भी गीता के माध्यम से छात्रों को प्रेरणा दी। लेकिन महोत्सव में असल समा तब बंधा जब 18000 बच्चों ने गीता पाठ किया।