बीपीएल परिवार के 80 वर्षीय बुजुर्ग ने चुकाया बिजली का बिल

ख़बरें अभी तक। खाने को पर्याप्त अनाज नहीं, पीने को पानी नहीं, जेब में दाम नहीं, पहनने को कपड़े तक ढंग के नहीं होने के बावजूद भी एक बुजुर्ग ने देश-प्रदेश के लोगों को आइना दिखाया है। सरकारी भवनों से लेकर करोड़पतियों पर भले ही करोड़ो रुपये बिजली का बिल बकाया हो, लेकिन जीवन भर गरीबी से जंग लड़ने इंसान ने मरने से पहले सरकार का कर्ज चुकाना बेहतर समझा, ताकि कोई उसके बेटों से बिजली बिल की अदायगी नहीं करे। मजदूरी करके अपना ही नहीं अपनी दो बेटियों का रिश्ता खराब होने के बावजूद उनका और उनके चार बच्चों का बुजुर्ग सूबेदार पेट भरता है।

अनाज की टंकी खुले आसमान के नीचे रखी है। बकरी पालकर वह कुछ रकम साल भर में जुटाता है और बुढ़ापा पेंशन से उसकी आजीविका चलती है। मोहमदबास गांव का यह बुजुर्ग इन दिनों गरीबी की वजह से अरावली की तलहटी में कच्चे मकान बनाकर वाल खेड़ी में रहता है। 6 बच्चों का पिता सूबेदार बच्चों की शादी करने में तो जैसे -तैसे कामयाब हो गया, लेकिन उसकी दो बेटियां रिश्ता खराब होने की वजह से गरीब माता-पिता पर बोझ बन गई ,लेकिन बुजुर्ग न केवल उनका और अपना पेट भर रहा है बल्कि सरकार के कर्ज को भी चुकाने की नियत रखता है।

दरअसल सूबेदार पुत्र दीन मोहमद निवासी मोहमदबास पर करीब 118474 रुपये का बिजली का बिल हो गया। सरकार की ब्याज माफ़ी स्कीम शुरू हुई, तो उसके बेटे ने उसे इसकी जानकारी दी। बुजुर्ग पिता ने कई हजार रुपये का इंतजाम किया और साकरस गांव में शुक्रवार को लगे खुले दरबार में शिरकत कर अपनी पीड़ा रखी। बिजली विभाग के अधिकारियों ने उसके बिल को ठीक किया तो महज 1608 रुपये भरने के लिए सूबेदार उम्र 80 वर्ष को कहा गया तो उसने तुरंत उसे भर दिया। सूबेदार की पत्नी महमूदी और सूबेदार की ख़ुशी का ठिकाना नहीं है कि उन्हें चंद हजार रुपये देकर कर्ज से हमेशा के लिए मुक्ति मिल गई।

जब रकम लाखों में थी और उनके पास जेब में पेट भरने तक को पैसे नहीं थे, तो उन्हें हर वक्त चिंता सताती रहती थी कि कहीं कर्ज चुकाने से पहले उनकी जान नहीं चली जाये। बिजली विभाग ने योजना शुरू की तो गरीब की झोपड़ी में भी खुशियों की दस्तक पहुंच गई। अगर ऐसी सोच रखने वाले लोग बकाया राशि को जमा कराएंगे तो निगम घाटे से उभर कर आएगा। निगम ने यहां पांच गांव साकरस, खेड़लीखुर्द, नसीरबास, मोहम्मदबास और नावली के लोगों को बुलाकर खुला दरबार लगाया। इस खुले दरबार में करीब 400 लोग पहुंचे।

यहां निगम अधिकारियों ने सरकार की ब्याज माफी योजना की जानकारी देकर लाभ उठाने की अपील की। निगम के इस खुले दरबार का 33 लोगों ने लाभ उठाया। जिनका निगम ने 6 लाख का ब्याज माफ किया। बिजली विभाग के अधिकारियों ने भी बुजुर्ग के जोश , जज्बे और ईमानदारी के साथ अच्छी सोच की जमकर प्रशंसा की। सूबेदार ने यह साबित कर दिया कि इंसान की नियत और नीति ठीक हो तो गरीबी में भी सरकारी कर्ज चुकाया जा सकता है। बशर्ते सरकार कर्ज में लोगों को इसी तरह योजना बनाकर राहत देने की सोच रखे , तो असंभव को संभव किया जा सकता है।