रोडवेज कर्मचारियों को रास नहीं आ रहे सरकार के तुगलकी फरमान

ख़बरें अभी तक। पहले बस चालकों व परिचालकों का ओवरटाइम बन्द करने और अब बसों के रात्रि ठहराव पर प्रतिबन्ध लगाने वाला सरकार का तुगलकी फरमान रोडवेज कर्मचारियों को रास नहीं आ रहा। सरकार के इस फरमान से न केवल रोडवेज को प्रतिदिन लाखों का चूना लग रहा है, बल्कि दैनिक यात्रियों, नौकरी पेशा लोगों, खासकर स्कूली छात्राओं को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

रोडवेज के रेवाड़ी डिपो के प्रधान व यूनियन नेताओं की माने तो जब से सरकार ने बसों के रात्रि ठहराव का फरमान जारी किया है, तभी से रोडवेज को प्रतिदिन लाखों का चूना लग रहा है, बल्कि दैनिक यात्रियों, नौकरी पेशा लोगों, विशेषकर स्कूली छात्राओं को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

रात्रि ठहराव के बन्द होने से बसों को वापस डिपो में बिना सवारियों के आना पड़ता है और सुबह सवेरे भी बसे खाली ही जाती है। सरकार को अपने इस फरमान पर ध्यान देना होगा। वर्ना रोडवेज गर्त में चली जायेगी और यूनियन की इसे लेकर आरपार की लड़ाई के लिए मजबूर होना पड़ेगा।