3 दिसंबर को पटौदी व 5 को सोहना में अभय चौटाला का दौरा

ख़बरें अभी तक। गुरुग्राम में इनेलो का जिला कार्यकर्ता सम्मेलन का आयोजन हुआ जिसमें सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने पार्टी की मजबूती के लिए रणनीति बनाई इस दौरान इनेलो के जिला अध्यक्ष किशोर यादव व पूर्व डिप्टी स्पीकर गोपीचंद गहलोत समेत कई इनेलो के पदाधिकारी भी मीटिंग में शामिल हुए इस दौरान मीटिंग में नेता प्रतिपक्ष अभय सिंह चौटाला के दौरे को लेकर रणनीति तैयार की गई दरअसल अभय सिंह चौटाला का कार्यक्रम 3 दिसंबर को पटौदी व 5 दिसंबर को सोहना का कार्यक्रम है जिसको लेकर पार्टी की मजबूती के लिए सभी कार्यकर्ताओं ने अभय सिंह चौटाला के कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए मीटिंग की।

वहीं दुष्यंत चौटाला व दिग्विजय चौटाला को पार्टी से निष्कासित किए जाने के बाद अब इन इनेलो में युवाओं की जिम्मेदारी भी करण सिंह चौटाला को सौंपी गई है जिसके लिए 10 दिसंबर को गुरुग्राम में एक बड़ा युवा सम्मेलन किया जाएगा जिसमें करण सिंह चौटाला व इनेलो के युवा प्रदेश अध्यक्ष जस्सी पटवार कार्यक्रम में शिरकत करेंगे वहीं गुरुग्राम के इनेलो जिला अध्यक्ष किशोर यादव ने कहा कि इनेलो में कोई भी पदाधिकारी पार्टी छोड़कर नहीं गया है जो भी दुष्यंत समर्थक इस तरह की बातें कर रहे हैं वह सब बेबुनियाद है। केवल वही लोग पार्टी छोड़कर जा रहे हैं जिनकी इनेलो में टिकट नहीं है और वह विधानसभा का चुनाव लड़ना चाहते हैं ऐसे में वही लोग दुष्यंत चौटाला के खेमे में जा रहे है।

वहीं दिग्विजय चौटाला द्वारा अभय सिंह चौटाला को दुष्यंत के सामने चुनाव लड़ने वाले बयान पर पूर्व डिप्टी स्पीकर गोपी चंद गहलोत ने कहा कि ये तो आने वाला समय ही बतायेगा की कौन कंहा से चुनाव लड़ेगा। अभी तो इनकी पार्टी भी नहीं बनी है। जहां हमारे नेता चुनाव लड़ेंगे अगर उनको बड़ा ही चाव है तो वह वंहा से आकर चुनाव लड़ ले। इतना ही नही उन्होंने यह भी कहा कि जो आदमी फालतू बोलता है मैं उसका जवाब भी नहीं देता।

वहीं दिग्विजय चौटाला द्वारा इनेलो के पास लोकसभा चुनाव में उम्मीदवार न होने के बयान पर गोपी चंद गहलोत ने कहा कि यह तो चुनाव का समय ही बताएगा कि किसके पास चुनाव लड़ने के उम्मीदवार नही है। इनेलो व दुष्यंत समर्थकों के नेताओ में अब आपसी बयानबाजी भी देखने को मिल रही है। जहां एक तरफ अभय सिंह चौटाला को अभय समर्थक मजबूत बता रहे है तो वहीं दूसरी तरफ दुष्यंत के समर्थक दुष्यंत चौटाला को मजबूत बता रहे है ऐसे में यह तो चुनाव आने पर ही फैसला होगा कि किस नेता में कितनी मजबूती है।