सोनीपत में हर साल कैंसर की मार झेलने को लोग मजबूर

खबरें अभी तक। सबोलीनाथु पुर गांव जहां पर कई फैक्ट्रियां ने गांव के लोगों को गांव से पलायन करने को मजबूर कर दिया है, जहर उगलती यह फैक्ट्रियां धड़ल्ले से चल रही हैं इन फैक्ट्रियों की वजह से गांव में कैंसर जैसी लाइलाज बीमारी पनप रही है ग्रामीण इसकी लगातार चपेट में आ रहे हैं और इन फैक्ट्रियों की वजह से कैंसर की खतरनाक बीमारी से अब तक कई ग्रामीणों की मौत हो चुकी है लेकिन इन जहरीली फैक्ट्रियों पर कार्रवाई के नाम पर ना सरकार कुछ कर रही है और ना ही प्रशासन ग्रामीणों ने हर जगह गुहार लगाई है।

साबोली की हवा में भी जहर घुला हुआ है जो लोगों को मारने में अपनी एक अलग भूमिका निभा रहा है। यहां स्थापित अधिकतर फैक्ट्रियों की चिमनियां ऊंचाई पर नहीं है। इसके अलावा फ़ैक्टरियो से  निकलता  केमिकल जिसका असर भूजल पर भी आ रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि केमिकल के निस्तराण के लिए फैक्ट्री संचालक जमीन में छेद कर बोरवेल के जरिए जहरीला केमिकल जमीन में छोड़ रहे हैं ,जिससे पानी खराब हो रहा है।

कहते है जीने के लिए दो चीज़ें बहुत ज़रूरी होती है पीने के लिए पानी ओर साँस लेने के लिए सुध हवा लेकिन गाँव साबोली के लोगों के लिए ये दोनों चीज़ें कोसो दूर है मंजू साबोली नाथुपुर की रहने वाली है मंजू के पती को केन्सर हुआ था ओर कुछ दिन पहले चल बसे मंजू के पती दिल्ली MCD में नोकरी करते थे कुछ समय पहले उनको केन्सर हुआ जब कैंसर का पता चल तब तक बहुत देर हो चुकी थी ओर वो चल बसे मंजू की माने तो उनके गाँव में पानी बिल्कुल भी पीने लायक नहि है ओर श्याम को फेक्टरियो से निकलता हुआ धुआँ साँस लेने नहीं देता।

वहीं साबोली नाथुपुर में काफ़ी लोग कैंसर की बीमारी से पीड़ित है ओर काफ़ी लोग अपनी जान गवां चुके है .अब देखना ये होगा की क्या सरकार इन जानलेवा फेक्टरियो पर कोई एक्सन लेती है या यहाँ के लोग यु ही मरते रहेंगे।