जिला प्रशासन के टाल-मटोल रवैये से नाराज़ किसान फिर हुए आन्दोलित

ख़बरें अभी तक। पिछले कई दिनों से जनपद के किसान धान क्रय केन्द्र चालू न होने से परेशान अपनी धान भरी ट्रालियों को लेकर जिला मुख्यालय पर आंदोलनरत हैं। दो दिन पूर्व जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक मध्यस्थता के बाद किसानों ने आन्दोलन खत्म करने की घोषणा कर दी। मगर ऐसा क्या हुआ कि अभी दो दिन भी नहीं बीते थे और जनपद के किसान एक बार फिर आन्दोलन को और तेज़ कर बैठे और अब आर-पार की लड़ाई की बात कर रहे हैं।

किसान अबकी बार राशन-पानी,चाय नाश्ता बनाने की सामग्री और गैस चूल्हे के साथ आए है। यह आंदोलन भारतीय किसान यूनियन गुट के बैनर तले चलाया जा रहा है। यह किसान तो वैसे कई दिनों से धान खरीद को लेकर आंदोलनरत हैं,  इन किसानों को दो दिन पहले जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक ने आस्वस्त कर दिया था कि अब उनके धान की खरीद में कोई देरी या लापरवाही नहीं होगी। किसानों के अनुसार जिलाधिकारी की बात को भी अन्य अधिकारीयों ने नहीं माना और टालमटोल का रवैया अपनाते रहे इस लिए वह एक बार फिर आंदोलन को आगे बढ़ा रहे हैं।

भारतीय किसान यूनियन के प्रांतीय महासचिव मुकेश सिंह ने बताया कि दो दिन पूर्व जिलाधिकारी और पुलिसअधीक्षक ने यह आश्वासन दिया था कि वह कई सेन्टरों पर बीस-बीस कांटें लगा कर उनका धान तौलवाने का काम करेंगे। मुकेश सिंह ने बताया कि अपर जिलाधिकारी और अन्य अधिकारीयों ने उन मिलर्स के पास भेजा जो हड़ताल पर हैं। इन मिलर्स वालों ने धान लेने से इन्कार कर दिया। इस पर किसान अधिकारियों के इस रवैये से तंग आकर एक बार फिर उग्र हो गए और एक बार फिर धान से भरी ट्रॉलियां लेकर मुख्यालय पहुंच गए।

किसानों की ट्रॉलियां देखकर यहां के एसडीएम सदर अजय द्विवेदी ने किसानों के साथ अभद्रता की। जिससे किसानों का गुस्सा और बढ़ गया। मुकेश सिंह ने कहा कि जब तक किसानों की इस समस्या का समाधान नहीं हो जाता और अभद्रता करने वाले अधिकारी पर कार्यवाई नहीं हो जाती तबतक किसान नहीं हटेंगे।