दीयों की घटती डिमांड के चलते कुम्हारों का जीवन अंधेरे में गुम

खबरें अभी तक। दीपावली पर्व पर दूसरों के घरों को रोशन करने वाले कुम्हारों का जीवन आज खुद अंधेरे में है.. बदलते आधुनिक दौर में मिट्टी के दीयों की घटती डिमांड ने स्थिति और भी दयनीय कर दिया है.. आज स्थिति यह है कि महंगे दामों पर मिट्टी खरीदने के बाद तैयार किए जाने वाले दीयों और अन्य बर्तनों से उनकी लागत भी नहीं निकल पा रही है.

यही वजह है कि उनके द्वारा तैयार बर्तनों की मांग बेहद घट गई है.. स्टील और प्लास्टिक के बर्तनों और टिमटिमाती चाइनीज झालरों ने परंपरागत मिट्टी के बर्तनों और दीयों की मांग को खत्म कर दिया है..इसका सीधा असर इन्हें बनाने वाले कुम्हारों पर पड़ रहा है.