चुनावों के चलते एक और नेता ने अपनी पार्टी बदली

खबरें अभी तक। चुनाव का मौसम नजदीक आते ही नेताओं का पाला बदलने का दौर शुरु हो गया है। पूर्व विधायक मक्कड़ के परिवार के बाद चुनावों से ठीक पहले अब पूर्व मंत्री अत्तर सिंह सैनी ने भी अपना पाला बदलते हुए भाजपा में शामिल होने का ऐलान कर दिया है। सैनी ने कहा इनेलो में आपसी कलह है जिस वजह से वो पार्टी को छोड़ रहे है। कल तक इनेलो की नीतियों का समर्थन करने वाले पूर्व मंत्री जी को अब पीएम नरेंद्र मोदी व सीएम मनोहर लाल की नीतियां देश हित में नजर आई हैं और भाजपा के साथ जाने का पक्का इरादा कर लिया है।

अत्तर सिंह सैनी 31 अक्टूबर को भूना में आयोजित होने वाली सीएम मनोहर लाल की रैली में विधिवत रूप से भाजपा का दामन थाम लेंगे। वहीं, सैनी के भाजपा के साथ चले जाने से इनेलो पार्टी को एक झटका लगा है। वही सैनी ने कहा इनेलो में आपसी कलह है इस वजह से वो पार्टी को छोड़ रहे है। पूर्व मंत्री की सैनी समुदाय के वोटों में अच्छी पकड़ थी। नोन जाट वोटों में अपनी पैठ बनाने के लिये इनेलो के पास सैनी का एक दमदार चहरा था। लेकिन सैनी के भाजपा में चले जाने से शहर की राजनीति के समीकरण एक बार फिर बदल गये हैं।

शहर में चर्चाएं है कि कांग्रेस के एक पूर्व विधायक भी जल्द भाजपा का दामन थाम सकते हैं। ऐसे में दो बड़े नेताओं के भाजपा में शामिल होने से पार्टी में कद्दावर नेताओं की भीड़ अवश्य बढ़ेगी लेकिन टिकट के लिये जमकर मारामारी होने की पूरी आशंका है। बड़े नेताओं के पार्टी में आने से भाजपा पार्टी के लिये जमीन पर काम करने वाले कार्यकर्ताओं भी सर्तक हो गये हैं।

सैनी ने हविपा से अपना राजनीतिक सफर शुरु करते हुए 1996 में रिकार्ड तोड़ मतों से जीत हासिल कर विधायक बने थे व बंसीलाल की सरकार में उन्हें कई महत्वपूर्ण महकमों से नवाजा गया था। वर्ष 2000 व 2005 के विधानसभा के चुनावों में पूर्व मंत्री सैनी चुनावों को हार गये थे। वह पिछले दो विधानसभा चुनावों में टिकट की दौड़ में रहे सैनी ने मुख्य राजनीतिक पार्टियों से टिकट ना मिलने पर चुनावी मैदान में नहीं उतरे थे। हविपा के बाद कांग्रेस और इनेलो में शामिल होने के बाद अत्तर सिंह सैनी ने भाजपा में अपना नया राजनीतिक सफर शुरु करने का फैसला लिया है।