स्मार्ट सिटी में शुमार अलीगढ़ बेहाल दिन पर दिन बीमार हो रहे ननिहाल

ख़बरें अभी तक। एक तरह केंद्र और प्रदेश में बीजेपी की सरकार है तो वहीं दूसरी तरफ़ स्वच्छ भारत अभियान के ब्रांड अम्बेसडर भारत के प्रधानमंत्री मोदी जी को कहा जाता है तो वहीं समय समय पर सरकारी विभागों में भी स्वच्छ भारत अभियान के तहत साफ सफाई की जाती है, लेकिन जो शहर स्मार्ट सिटी में शुमार है और उन्हें स्मार्ट सिटी की उपलब्धि मिल चुकी है क्या वो वाकई जमीनी हकीकत पर स्मार्ट है या नहीं यह एक विचारणीय विषय है ताजा खस्ता हाल अलीगढ़ शहर में स्थित रामनगर कॉलोनी के पीछे इस्लामिया मदरसे वाली गली का है यहां के क्या छोटे क्या बड़े चाहें वो हों पड़ने वाले छात्र सब परेशान है तो सिर्फ उस गंदगी से जो सड़क ना बनने की वजह से फैली हुई है यह गंदगी कोई एक दिन की नहीं बल्कि यह समस्या यहाँ दस साल से बताई जा रही है

यहां सड़कों पर जलभराव की समस्या ऐसी है जैसे कोई यहां तालाब बना हुआ हो साथ ही इस प्रदूषित जलभराव से अनेकों बीमारियां जन्म लेरही है और  यहाँ दर्जनों बच्चे गंभीर बीमारियों से ग्रहसित है और यहाँ से गुजरने वाले स्थानीय निवासियों को गंदे पानी मे से होकर निकलना पड़ता है ऐसा नहीं है सरकारी अमले को इसकी जानकारी नहीं हो  लेकिन फिर भी कोई इन बस्तियों की तरफ जाना तो दूर की बात इनमें विकाश कार्य करवाने का इछुक नहीं है जब स्थानीय निवासियों से हमारे सवांदाता ख़ालिक़ अंसारी द्वारा बात की तो तो उनके द्वारा बताया गया बहुत सालों से जिलाधिकारी और सरकारी अम्लों से लेकर खादी तक इसकी शिकायत की जा चुकि है, लेकिन विधायक ये कहकर पल्ला झाड़ लेते है यहां विकास कार्य करवाना उनके अधिकार में नहीं है लेकिन जब स्थानीय निवासी अलीगढ़ मेयर के पास पहुचंते है तो उनके द्वारा लोगों के ये बताया जाता है यह जगह उनके अधिकार में नहीं है आख़िर यहां के लोग कब तक अनाथों का जीवन जीये रहेंगे और बीमारियों से जूझते रहेंगे यह एक बड़ा सवाल है.