आलोक वर्मा और राकेश आस्थाना को भेजा छूट्टी पर, नागेश्‍वर संभालेंगे कार्यभार

ख़बरें अभी तक। सीबीआई में चल रही कलह का मामला अब सबके सामने है, वहीं करोड़ों रुपए की रिश्वत लेने के आरोपों के बाद जांच एजेंसी सीबीआई के निदेशक आलोक वर्मा और सीबीआई में नंबर दो की हैसियत रखने वाले राकेश आस्थाना को छुट्टी पर भेज दिया गया है. वहीं अब सीबीआई के एडिश्नल डायरेक्‍टर नागेश्‍वर राव ने अंतरिम तौर पर एजेंसी की कमान संभाल ली है. एम नागेश्वर राव सीबीआई में ही ज्वाइंट डायरेक्टर के पद पर हैं. एम नागेश्वर राव को तत्काल प्रभाव से सीबीआई के डायरेक्टर की जिम्मेदारियां और कार्यभार संभालने के लिए कहा गया है  ‘डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनल एंड ट्रेनिंग’ के एक आदेश् के अनुसार सीबीआई डायरेक्‍टर पद की सभी ड्यूटी और कार्यभार अब नागेश्‍वर राव संभालेंगे.

गौरतलब है कि सीबीआई में आलोक वर्मा और राकेश अस्थाना के बीच जारी विवाद के सार्वजिनक होने और इसके बढ़ने से सरकार खासी नाराज थी और इस मामले में सरकार ने दखल देते हुए सीबीआई चीफ आलोक वर्मा और स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना को को छुट्टी पर भेज दिया है. वहीं आदेश से साफ ज़ाहिर होता है कि सरकार ने वरिष्ठता में तीसरे स्थान पर आने वाले सभी अतिरिक्त निदेशकों को किनारे कर दिया है. बता दें कि इनमें ए के शर्मा का नाम भी शामिल है जिनका नाम अस्थाना द्वारा की गई शिकायत में सामने आया था और हैदराबाद के एक रियल स्टेट व्यापारी सतीश साना द्वारा दिए गए बयान के आधार पर ये सारा मामला सामने आया. सतीश साना से मीट एक्सपोर्टर मोइन कुरैशी की छानबीन मामले में अस्थाना द्वारा जांच किए पर सारा मामला सामने आया.

बता दें कि अधिकारियों के अनुसार साना ने मामले में राहत पाने के लिए कथित तौर पर रिश्वत दी थी. ऐसा आरोप है कि साना का बयान कथित तौर पर 26 सितंबर 2018 को अस्थाना के नेतृत्व वाली जांच टीम द्वारा दर्ज किया गया. लेकिन सीबीआई की जांच में सामने आया कि उस दिन साना हैदराबाद में थे. वहीं अपने बयान में साना ने कहा था कि उन्‍होंने इस साल जून में अपने मामले के बारे में तेलूगु देशम पार्टी के राज्‍यसभा सांसद सीएम रमेश से बात की थी.

उन्‍होंने सीबीआई निदेशक से बात करने के बाद भरोसा दिलाया था कि साना को फिर से नहीं बुलाया जाएगा और साना ने कहा है कि जून के बाद से मुझे सीबीआई ने नहीं बुलाया. मुझे ऐसा लगा कि मेरे खिलाफ जांच पूरी हो गई है. सीबीआई ने अब आरोप लगाया है कि कुमार ने उसके बयान में हेरफेर किया था ताकि सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा के खिलाफ अस्थाना द्वारा सीवीसी में लगाए गए आरोपों की पुष्टि हो सके.