शहादत के 53 साल बाद बनेगा शहीद पृथ्वी सिंह का स्मारक

ख़बरें अभी तक। भारत-चीन युद्ध में शहीद हुए झज्जर जिले के गांव गिजाडौध निवासी पृथ्वी सिंह का स्मारक उनकी शहादत के 53 साल बाद बनेगा। इस स्मारक के निर्माण के लिए भूमि पूजन प्रदेश के कृषि मंत्री ओपी धनखड़ ने रविवार को गांव गिजाडौध में किया। यहां यह बताना मुनासिब होगा कि विकास एवं पंचायत मंत्री की पहल पर शहीदों के उनके गांव में सरकारी खर्च पर स्मारक बनाने की योजना तैयार की गई है। इस योजना के तहत शहीद पृथ्वी सिंह की शहादत के 53 वर्षों के उपरांत गिजाड़ौद में शहीद स्मारक की आधारशिला रखी गई। शहीदों को सम्मान देने की इस बड़ी पहल पर ग्रामीणों ने विकास एवं पंचायत मंत्री का आभार भी जताया।

इस मौके पर मंत्री धनखड़ ने कहा कि शहीदों व उनके आश्रितों को सम्मान देने में वर्तमान सरकार ने कोई कसर नहीं छोड़ी। वन रैंक-वन पेंशन, शहीद सैनिकों के आश्रितों को दी जाने वाली अनुग्रह राशि को 20 लाख रुपए से बढ़ाकर 50 लाख रुपए करना, शहीदों के 225 आश्रितों को नौकरी देना, शहीदों की गौरव गाथा को जीवंत रखने के लिए ग्राम गौरव पट लगाना तथा शहीदों के स्मारक बनवाने आदि अनेक कार्यों से शहीदों एवं देश की रक्षा में तैनात सैनिकों को पूरा मान-सम्मान दिया गया है।

उन्होंने कहा कि एक सैनिक खुद के लिए नहीं बल्कि देश की आन-बान-शान के लिए काम करता है। रात को देश की सीमा पर वह ड्यूटी करता है ताकि हम चैन की नींद सो सके। देश के भीतर हम आराम से रहते है क्योकि सरहद पर सैनिक खड़ा होता है। उन्होंने कहा कि शहीद कभी मरता नहीं उसकी वीरगाथा, देश के प्रति भावना और समाज के लिए प्रेरणा सदैव जीवित रहती है।

आज 53 साल बाद एक शहीद के स्मारक बनाने की बात इसी बात का बड़ा उदाहरण है। उन्होंने कहा कि यह इलाका वीरों की भूमि है। आजादी से पहले दो-दो विक्टोरिया क्रास विजेता, आजादी के बाद 1962, 65, 71 व कारगिल की लड़ाई में इस इलाके के शूरवीरों की वीरगाथा पर हम सबको गर्व है। उन्होंने शहीद पृथ्वी सिंह को नमन करते हुए उनके स्मारक के के लिए अपने एच्छिक कोष से दो लाख रुपए की वित्तीय सहायता तथा निर्माण में पूरा सहयोग देने की घोषणा की।

महर्षि वाल्मीकि द्वारा रचित रामायण की दुनिया में कोई ग्रंथ बराबरी नहीं कर सकता। भारतीय धर्म के तीन मूल आधार में से एक रामायण को मर्यादा का ग्रंथ कहा गया है। हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण, विकास एवं पंचायत मंत्री ओमप्रकाश धनखड़़ ने यह बात रविवार को झज्जर में रहणिया रोड पर आयोजित महर्षि वाल्मीकि जयंती के अवसर पर मूर्ति स्थापना एवं भूमि पूजन कार्यक्रम के दौरान उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए कही। कार्यक्रम में पहुंचकर धनखड़ ने महर्षि वाल्मीकि को नमन किया तथा महर्षि वाल्मीकि भवन के निर्माण की आधारशिला रखी।

ओमप्रकाश धनखड़ ने महर्षि वाल्मीकि जयंती की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि हरियाणा के गांव देश में सबसे स्वच्छ घोषित किए गए है। भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने इस उपलब्धि पर हरियाणा को सम्मानित किया है। इस उपलब्धि का श्रेय ग्रामीण क्षेत्रों को स्वच्छ बनाने में लगे सफाई कर्मचारियों का सबसे अधिक योगदान है। उन्होंने कार्यक्रम में उपस्थित सफाई कर्मचारियों को मंच पर आमंत्रित करते हुए स्वयं पगड़ी बांध कर इस उपलब्धि के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि सफाई कर्मचारियों की बैंक खाते में वेतन आने की मांग को पूरा कर दिया है। जिसके चलते जल्द ही ग्रामीण क्षेत्रों में काम करने वाले सफाई कर्मचारियों का वेतन उनके खाते में आएगा।

विकास एवं पंचायत मंत्री ने भारतीय धर्म के मूल आधारों का जिक्र करते हुए कहा कि महर्षि वाल्मीकि द्वारा लिखी गई रामायण, वेद व संत कंबीर की संतमत परंपरा पर भारतीय दर्शन आधारित है। संतमत परंपरा को कबीर के साथ संत रविदास ने भी आगे बढ़ाया। भारतीय धर्म संस्कृति में योगदान देने वाली की विरासत बहुत ऊंची है। उन्होंने रामायण को भारतीय समाज के लिए दर्पण की संज्ञा देते हुए कहा कि एक पिता, भाई, माता, गुरू, राजा सभी मर्यादाओं का इसमें जिक्र मिलता है। रामायण में अच्छाई की बुराई के साथ-साथ अच्छाई की अच्छाई भी लड़ाई का जिक्र है कि जीवन में कौन कितना बेहतर बन सकता है।

विकास एवं पंचायत मंत्री ने महर्षि वाल्मीकि भवन के निर्माण के लिए अपने एच्छिक कोष से 11 लाख रुपए की वित्तीय सहायता देने की घोषणा की। साथ ही वाल्मीकि समाज की ओर से शमशान घाट के निर्माण का स्थानीय निकाय विभाग के माध्यम से तथा विकास एवं पंचायत विभाग के माध्यम से विभिन्न गांवों में वाल्मीकि चौपालों के निर्माण कराने की भी घोषणा की। कार्यक्रम में पहुंचने पर ओमप्रकाश धनखड़ का फूलमालाओं, पगड़ी बांध कर, हल व गदा भेंट कर विभिन्न संस्थाओं ने सम्मानित किया। कार्यक्रम के दौरान वाल्मीकि समाज की मेधावी प्रतिभाओं को भी विकास एवं पंचायत मंत्री ने सम्मानित किया।