हमीरपुर का शान्तनु अब तक 516 लावारिस लाशों का कर चुके है अंतिम संस्कार

ख़बरें अभी तक। हिमाचल प्रदेश: समाजसेवा का अलग रास्ता अपनाते हुए हमीरपुर का शान्तनु अब तक 516 लावारिस लाशों का अंतिम संस्कार कर उनकी अस्थियों को अपने ख़र्च पर गंगा जी में प्रवाहित कर चुके है। रविवार को शान्तनु इन 516 दिवंगत आत्माओं का श्राद्ध करने हरिद्वार रवाना हो गए। पितृ पक्ष में इन उन दिवंगत आत्माओं का श्राद्ध हरिद्वार हर की पौड़ी में ब्रहम कुंड में किया जाएगा, जिनकी अस्थियां क़रीब डेढ़ दशक से शान्तनु गंगा जी में प्रवाहित करते रहे हैं।

शान्तनु ने बताया कि इस मौक़े पर 11 ब्राह्मण लोगों को भोजन वस्त्र दान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हिंदू विधि विधान से पूर्ण होने वाले इस पूरे कार्य में लगभग ₹12000 खर्च आएगा। शांतनु का कहना है कि वह मदर टेरेसा को समाजसेवा के लिए अपना प्रेरणास्रोत मानते हैं। शांतनु मूल रूप से बंगाल के हैं। शांतनु कुमार ने लोगों से अपील की कि अगर कोई भी गरीब अस्थियां विसर्जन करने में असमर्थ है तो वह उनके दूरभाष 9418096502 पर संपर्क कर सकता है।

क़ाबिलेग़ौर है कि शांतनु कुमार डेढ़ दशक से लावारिस लाशों को अपने कंधों पर उठाकर उनका अंतिम संस्कार करवा रहे हैं। यहां तक कि अपने खर्च पर हरिद्वार जाकर अस्थियों को गंगा में विसर्जित करते हैं। शांतनु कुमार ने समाज सेवा के लिए अविवाहित रहने का निर्णय लिया है। शांतनु को समाज सेवा के क्षेत्र में बेहतर कार्य करने के लिए गार्ड फेयर ब्रेवरी अवार्ड से राज्यपाल सदाशिव कोकजे ने सम्मानित किया था। 2012 में हिमाचल सरकार ने हिमाचल गौरव अवार्ड से नवाजा। हमीरपुर बाज़ार में कपड़े की छोटी सी दुकान लगाने वाले शांतनु ने इनाम में मिली राशि भी दान कर दी।