रोहिंग्याओं की सरकार से गुहार कहा नहीं जाना हैं, म्यांमार

ख़बरें अभी तक। कुछ दिनों पहले भारत से पहली बार गैर-कानुनी तौर पर रह रहे रोहिंग्यो को म्यामांर वापस भेजा गया था। लेकिन अब दिल्ली के शरणार्थी शिविरों में रहने वाले रोहिंग्या मुसलमानों ने सरकार से एक बार फिर मदद की गुहार लगाई हैं। केंद्र सरकार से अपील करते हुए उन्होंने कहा हैं कि जब तक उनके देश में शांति कायम नहीं हो जाती उन्हें वापस ना भेजा जाए।

उनमें से एक शरणार्थी ने ये भी कहा हैं कि  ‘भारत से पिछले दिनों जिन सात रोहिंग्या शरणार्थियों को म्यांमार भेजा गया है, वह भी वहां ज्यादा दिन जिंदा नहीं रहेंगे। जल्द ही उन्हें भी मार दिया जाएगा।’

दिल्ली के कालिंदी कुंज में रहने वाले मोहम्मद फारूक ने कहा कि ‘मैं 2012 से भारत में रह रहा हूं। सरकार से एक ही अपील है कि हमें यहां रहने दिया जाए। म्यांमार में हमने काफी अत्याचार सहन किए हैं। किसी लालच के कारण हमने अपना देश नहीं छोड़ा है’।

इस मुददे पर केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने सभी राज्यों को रोहिंग्या की पहचान करने और बायोमेट्रिक डाटा जुटाने के निर्देश दिए थे। उन्होंने कहा था कि रिपोर्ट मिलने के बाद रोहिंग्या शरणार्थियों की वापसी के लिए म्यांमार सरकार से बात की जाएगी।