फिर से गरमाई छात्रसंघ चुनाव की राजनीति, 22 साल बाद होंगे छात्रसंघ चुनाव

खबरें अभी तक। प्रदेश सरकार द्वारा 12 अक्टूबर को छत्रसंघ चुनाव करवाए जाने की घोषणा करने के बाद प्रदेश की छात्र राजनीति पूरी तरह से गरमाई हुई है। कॉलेज व महाविद्यालय में छात्रों नेताओं ने अपनी राजनीति शुरू करदी है। कॉलेजों में छत्रसंघ चुनाव की चर्चा जोरों पर है।  बतादें की मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर ने प्रदेश में छात्र संघ चुनाव करवाये जाने की बात कही थी और उस पर वे खरे भी उतरे। लेकिन वही मुख्यमंत्री द्वारा अप्रत्यक्ष रूप से चुनाव करवाने की बात को लेकर छात्र नेता सहमत नहीं है।

वहीं जब कैथल के वरिष्ठ बुद्धिजीवी एवं अधिवक्ता दिनेश त्यागी से चुनाव के प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से चुनाव करवाने के बारे में पूछा तो उन्होंने बताया कि तो वे भी प्रत्यक्ष रूप से चुनाव करवाये जाने के हक में नजर आये क्योंकि प्रत्यक्ष रूप से चुनाव से छात्रों को अपनी मर्ज़ी से चुना हुआ प्रतिनिधि मिलता है। और उस प्रत्यक्ष रूप से चुने हुए प्रतिनिधि का प्रभाव भी छात्रों की समस्याओं और उनके हित के लिए प्रभावी बनता है। ओर इससे छात्रों में राजनीति के प्रति रुझान भी बढ़ता है। ओर साथ ही पढ़े लिखे ओर ईमानदार नेतृत्व आने से ही बाद में ये युवा ही प्रदेश के लिए अचे राजनेता बनकर उभरते है।