ख़बरें अभी तक। आईएसआईएस की रेप पीड़िता नादिया मुराद को शांति के नोबेल पुरस्कार के लिए चुना गया है। नोबेल समिति की अध्यक्ष बेरिट रीस एंडरसन ने नामों की घोषणा करते हुए मुराद और कांगो को इनके प्रयासों के लिए नोबेल शांति पुरस्कार के लिए संयुक्त रूप से चुना गया है।
बता दें कि नादिया उत्तर इराक के एक याजीदी गांव में पैदा हुई लड़की हैं। वह जब 21 साल की थी, तब एक चरमपंथी समूह ने उनके गांव पर हमला कर दिया था। साथ ही गांव की अन्य लड़कियों की तरह नादिया को भी सेक्स स्लेव बना दिया गया। नादिया को करीब छ महीनों तक आईएसआईएस के लड़ाकों के बीच काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा, जिसमें मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना शामिल है। नादिया ने अनजान लोगों से मदद की गुहार लगाई तो उन्होंने आईएस के लोगों को ही सौंफ दिया।
उनके चंगुल से छुटने के बाद नादिया ने अपने साथ हुए अपराध को अपनी ताकत बनाया और अपने साथ हुए अपराधो की जंग लड़ी। नादिया अब जर्मनी में रहती हैं। पिछले सप्ताह मुराद की किताब ‘द लास्ट गर्ल : माई स्टोरी ऑफ कैप्टिविटी एंड माई फाइट अगेंस्ट द इस्लामिक स्टेट’ रिलीज हुई है, इस किताब में उन्होंने आईएस के कब्जे में रहने के दौरान अपनी दर्दनाक आपबीती बयां की है।