यमुनानगर: 6 बच्चियों का चाइल्डलाइन की टीम ने करवाया रेस्क्यू

ख़बरें अभी तक। कचरे में बचपन बिता रहे बच्चों को चाइल्डलाइन की टीम ने बाल कल्याण समिति और पुलिस के साथ एक संयुक्त टीम बनाकर किया रेस्क्यू, चाइल्डलाइन को किसी ने फोन पर सूचना दी कि कैल में बने कचरा प्लांट पर बहुत सारे बच्चे कचरा बीनने का काम करते है। इसी सूचना पर कड़ी मशक्कत के बाद टीम ट्राली की मदद से कचरे के बीच पहुंची और कचरा बीन रही 6 बच्चियों को वहां से रेस्क्यू किया और उनका मेडिकल करवाया।

इस कचरे में इतनी बदबू है कि यहां खड़े हों पाना भी बेहद मुश्किल है लेकिन इसी मौत के कचरे में ये छोटी बच्चियां कूड़ा बीनने का काम करती है। इन बच्चों को इस मौत के दलदल में काम करता देख किसी ने चाइल्ड लाइन को इसकी सूचना दी। सूचना के बाद बचपन को बचाने चाइल्ड लाइन की टीम और बाल कल्याण समिति और पुलिस के साथ एक संयुक्त टीम बनाई और इन बच्चों को रेस्क्यू करने पहुंची। जब टीम पहुंची तो रेस्क्यू करना आसान नहीं था क्योंकि इस कचरे के बीच गाड़ी नहीं जा सकती थी। कचरे के बीच बच्चों तक पहुंचने के लिए ट्राली की मदद ली गयी।

चाइल्ड लाइन के को ऑर्डिनेटर भानू प्रताप ने बताया कि चाइल्ड लाइन नंबर 1098 पर मंगलवार शाम को किसी ने सूचना दी कि कचरे के प्लांट पर बहुत सारे छोटे बच्चे कचरा बीनने का काम करते हैं और स्कूल भी नहीं जाते इस पर टीम ने बुधवार को कैल के कचरे के प्लांट का दौरा किया परंतु उस समय वहां कोई बच्चा नहीं मिला। आज फिर चाइल्ड लाइन व बाल कल्याण समिति की संयुक्त टीम ने वहां रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया, जब टीम वहां गयी तो देखा कि कीचड़ व कचरे के ढेर से गाड़ी का प्लांट के अंदर जा पाना मुश्किल है तो टीम ट्रैक्टर ट्रॉली इन बैठ कर अंदर गयी और वहां पर कचरा बीन रही 6 बच्चीयों को रेस्क्यू करवाया। टीम ने देखा कि कचरे व गंदगी के इस वातावरण में बच्चों को बहुत सी बीमारियां भी हो सकती हैं।

चाइल्ड लाइन की निदेशिका डॉ. अंजू बाजपई व बाल कल्याण समिति के सदस्य सुरेशपाल के सामने काउन्सलिंग के दौरान बच्चियों ने बताया कि वें कभी स्कूल गयी ही नहीं और उनके माता पिता जैसे कूड़ा कचरा बीनते हैं वें भी ऐसे ही काम करती हैं। इस पर टीम ने सभी बच्चीयों का मेडिकल करवा कर बाल कल्याण समिति के आदेशानुसार शेल्टर होम भेज दिया। समिति के सदस्य सुरेशपाल ने बताया कि अभी सभी बच्चियों की काउन्सलिंग की जाएगी व उनका स्कूल जाना सुनिश्चित किया जाएगा।

यदि माता पिता ऐसा नहीं करेंगे तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी और बच्चियों को बालकुंज में रखकर पढ़ाया जाएगा। ताकि ये बच्चे भी समाज की मुख्यधारा में शामिल हो सकें। चाइल्ड लाइन की निदेशिका डॉ. अंजू बाजपई ने बताया कि ऐसे ऑपरेशन चाइल्ड लाइन आगे भी जारी रखेगी व लोगों से भी अपील की के वे भी इस प्रकार की सूचनाएं चाइल्ड लाइन 1098 पर ज्यादा से ज्यादा दें।