हिमाचल: 17 सिंतबर को प्रदेश स्तर पर भामस का शक्ति प्रदर्शन

ख़बरें अभी तक। कर्मचारियों की मांगों को लेकर भामस शिमला में 17 सितम्बर को प्रदेश स्तर पर शक्ति प्रदर्शन करने जा रहा है। जिस के लिए भामस ने पुरी तैयारियां कर ली है। इस मुद्दे पर आज भामस की बैठ फतेहपुर के विश्राम गृह मे प्रदेश उपाध्यक्ष एवं एनजीओ के जिला अध्यक्ष मदन  मदन राणा अध्यक्षता मे हुई। बैठक में भमास के फतेहपुर बलॉक के प्रधान कृष्ण गोपाल, उप प्रधान सरदार अजीत सिंह व मुख्य सलाहकार विशेष रुप से उपस्थित रहे। बैठक मे भामस के प्रदेश उपाध्यक्ष मदन राणा ने जानकारी देते हुए कहा कि भामस ने अपनी मांगों को लेकर जुलाई माह में इक्कीस सूत्रिय मांग पत्र प्रदेश के मुख्यमंत्री को सौंपा था.

मांगों को लेकर मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया था कि भामस के पदाधिकारियों को जल्द ही वार्ता के लिए बुलाया जाएगा व मांगों को पुरा किया जाएगा मगर आज तक भामस पदाधिकारियों को न तो बैठक के लिए बुलाया गया न ही मांगों को पुरा किया गया है जिस पर अब भामस विभिन्न विभिन्न विभागों के कर्मचारियों के साथ 17 सितम्बर को शिमला मे अपना शक्ति प्रदर्शन करेगा। इस शक्ति प्रदर्शन में जिला कांगड़ा के दस हजार कर्मचारी भाग लेंगे। कर्मचारियों मे आंगन बाड़ी, आशा वर्कर, आईपिएच,शाहनहर ,वीडब्ल्यूडी, वन विभाग सहित अन्य विभाग के कर्मचारी हिस्सा लेंगे। उन्होंने बताय कि 16 सितम्बर को शिमला के लिए कुच करेगें।

जब कि इस पुर्व भामस पदाधिकारियों ने कहा कि बीते कल प्रदेश के प्रधानमंत्री ने आंगनबाड़ी साहियका के वेतन में 1500 व हैल्पर के वेतन मे 700 रुपये बढ़ाए है उस के लिए धन्यवाद करते है मगर यह वेतन बुद्धि ऊंट के मुह मे जीरा देने के बरावर है। इस मौके पर जिला सब सचिव रुबी बाला, क्षेत्रिय सचिव शशी बाला, फतेहपुर बलॉक की सचिव अंजना शर्मा, आशा कार्यकार्ता की बलॉक अध्यक्ष किरन बाला, बलॉक फतेहपुर उपाध्यक्ष इंदुबाला व पुष्पा देवी सहित अन्य लोग मौजूद थे।

भामस की प्रमुख मांगें:

(1) परानी पेंशन बहाल की जाए

(2) आशा वर्कर व आंगनबाडी का न्यूनतम वेतन 18 हजार किया जाए

(3) सभी विभागो में रिक्त पदों को भरा जाए।

(4) आईपीएच विभाग मे लगे जल रक्षकों को दैनिक वेतन भोगी वनाया जाए।

(5) जिन्हें 4-9-14 का वित्तीय लाभ नहीं मिला है उन्हे लाभ दिया जाए तथा पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धुमल  सरकार के समय 2009 से 4-09-14 से दिया गया था मगर वीरभद्र सरकार ने 2012 से लागू किया था. भामस की मांग है कि जयराम सरकार उसे 2009 से करे. इस तरह की इक्कीस मांगों को पुरा करने की मांग कर रहे है।