आजादी के 70 साल बाद भी नहीं बदले इस गांव के हालात

ख़बरें अभी तक। यूपी के इस गांव में बिजली पानी को शौचालय आवास को तरसते लोग देश और प्रदेश की सरकारें विकास की बात करतीं हैं। विकास के बड़े-बड़े दावे भी किये जाते रहे हैं, लेकिन आजादी के सात दशक बाद भी कन्नौज का एक गांव ऐसा भी हैं जहां के लोगों को आज भी विकास की किरण का इन्तजार है। कन्नौज के हसेरन ब्लॉक की ग्राम पंचायत दारापुर का बरेठी गांव जो अपनी बुनियादी सुविधाओं से आज भी कोसो दूर है बिजली, पानी और सड़क शौचालय जैसी बुनियादी सुविधाओं से वंचित यह गांव शासन-प्रशासन के विकास के दावों को मुंह चिढ़ा रहा है।

कन्नौज के हसेरन ब्लॉक का यह गांव यहां के लोग ग्राम प्रधान की मनमानी के चलते कलेक्ट्रेट में एकत्र हुए यह लोग ग्राम प्रधान पर विकास न कराने और शिकायत के बाद भी अफसरों के गांव न पहुंचने से नाराज है और जिलाधकिरी के ऑफिस के बाहर एकत्र होकर नारेबाजी कर रहे है और प्रधान पर आवास देने के नाम पर 20000 रुपए लेने का आरोप और स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के तहत बनने वाले शौचालय मानक विहीन है, वहीं घटिया सामग्री से बनाने का आरोप भी है और बरसात में गांव में कई मकान जमीदोज हो जाते है.

ग्रामीणों का कहना है कि गांव में समस्याओं का अम्बार है, लेकिन चुनाव जीतने के बाद कोई भी जनप्रतिनिधि गांव का हाल जानने नहीं आया। सूबे में सरकार बदलने के बाद विकास की आस जगी थी, वह भी अब दम तोड़ रही है। ग्रामीणों ने इसकी शिकायत विभागीय अधिकारियों के साथ ही जिले के आला अधिकारियों एव जनप्रतिनिधियों से भी की, लेकिन समस्याओं के समाधान की दिशा में पहल करना किसी ने भी जरूरी नहीं समझा। ग्रामीणों ने शासन-प्रशासन का ध्यान आकर्षित कराते हुए समस्याओं का समाधान सुनिश्चित कराने की मांग की है।

वहीं शिकायत पत्र लेते हुए प्रभारी अतरिक्त एस डी एम ने कहा कि मामले की जांच करा कर उचित कार्रवाई की जाएगी यदि ऐसा है तो बहुत ही गलत है। दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी  सरकार द्वारा दी जा रही किसी भी योजना के लिए लाभार्थी से रुपए की डिमांड करना गलत है और बरेठी गांव में बारिश से काफी मकान गिर गए है ।उन्हें भी चिह्नित कराया जाएगा