हिमाचल प्रदेश: सरकारी स्कूलों में घट रही बच्चों की संख्या

ख़बरें अभी तक। अध्यापकों की कमी से जूझ रहे हिमाचल प्रदेश के स्कूलों में बच्चो की संख्या दिन प्रतिदिन कम होती जा रही है। एससीईआरटी सोलन द्वारा हिमाचल प्रदेश के स्कूलों में किए गए सर्वे में इस बात का खुलासा हुआ है। सर्वे में मुताबिक हिमाचल प्रदेश के प्राइमरी स्कूलों में बच्चो की संख्या स्कूलों की गुणवता के कारण लगातार घट रही है। एससीईआरटी ने सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है जिस पर गौर करते हुए सरकार ने 3391 प्राइमरी स्कूलों में जल्द प्री नर्सरी क्लासे शुरू करने का फैसला लिया। केंद्र सरकार भी प्रदेश सरकार की इस पहल के लिए बजट दे रही है।

प्राइवेट स्कूलों को टक्कर देने के लिए हिमाचल सरकार अब जल्द ही सरकारी स्कूलों में प्री नर्सरी क्लासे शुरू  करने जा रही है। लोगों का प्राइवेट स्कूलों की तरफ जायदा रुझान होने की वजह से सरकारी स्कूलों में बच्चों की संख्या नाम मात्र रह गई है। क्यूंकि प्राइवेट स्कूल में बच्चे की एडमिशन 3 वर्ष में ही हो जाती है जबकि सरकारी स्कूलों में आयु सीमा 6 वर्ष रखी गई है। जिसे देखते हुए अभिभावक बच्चे का समय ख़राब नहीं करना चाहते है इसलिए वे अच्छी शिक्षा के लिए प्राइवेट स्कूलों में ज्यादा रूचि दिखाते है। इन्ही बातों को धयान में रखते हुए सरकार ने सरकारी स्कूलों में भी प्राइवेट स्कूलों की तर्ज पर प्री नर्सरी शुरू करने का फैसला लिया है। फिलहाल सरकार जेबीटी अध्यापक को इसके लिए तैयार कर रही है। सरकार दावा तो कर रही है लेकिन 14000 अध्यापकों की कमी से जूझ रहा हिमाचल प्रदेश का शिक्षा विभाग सरकार की इस पहल को कैसे अमलीजामा दे पायेगा ये भविष्य में देखने वाली बात होगी.