जरूरत पड़ी तो फिर करेंगे नोटबंदी, समाज में सफाई के लिए जरुरी- नीति आयोग के उपाध्यक्ष

ख़बरें अभी तक। नोटबंदी लगभग 2 साल होने वाले है. इससे क्या मिला या क्या हासिल सरकार करना चाहती थी यह अभी तक मित्थ ही बना हुआ है.  हाल ही में RBI की ताजा रिपोर्ट के अनुसार भी लगभग 99% पैसा वापिस बैंको में आया. अब सवाल तो उठता है कि इससे हासिल हुआ क्या.

वहीं सरकार की तरफ से नोटबंदी के बचाव में आए नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने कहा है कि नोटबंदी के चलते अर्थव्यवस्था में मंदी नहीं है. राजीव कुमार ने कहा कि जीडीपी या आर्थिक वृद्धि में गिरावट इसलिए हो रही थी क्योंकि बैंकिंग क्षेत्र में NPA बढ़ रहे थे. राजीव कुमार ने कहा कि नोटबंदी समाज की सफ़ाई के लिए थी और अगर ज़रूरत पड़ी तो वो फिर नोटबंदी लाएंगे.

पिछली सरकार के दौरान जब NPA यानी नॉन परफॉर्मिंग एसेट बढ़ रही थी तब रघुराम राजन ने नीतियों में बदलाव कर दिया जिसकी वजह से बैंकिंग सेक्टर ने इंडस्ट्रीज़ को लोन देना बंद कर दिया.

रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन के कार्यकाल में NPA की पहचान के लिए नए मैकेनिज़्म लाए गए थे, और वे बढ़ते चले गए, जिसके चलते बैंकिंग सेक्टर ने उद्योगों को ऋण देना बंद कर दिया. बता दे कि यह बयान तब आया है जब बैंको में सारा पैसा लौट आया है औऱ नोटबंदी एक बोगस साबित होती दिख रही है.