SC के सख्त आदेशों के बाद भी मॉब लिचिंग मामले लगातार बढ़ रहे है

ख़बरें अभी तक। सुप्रीम कोर्ट के सख्त आदेशों के बाद भी मॉब लिचिंग की घटनायें लगातार बढ़ती जा रही है। पिछले 3 दिनों में दो अलग अलग घटनाओं में भीड़ की बर्बरता सामने आई है। इस बर्बर भीड़ ने 2 बुजुर्गों पर जमकर कहर ढाया। इस बर्बरता में 72 साल के एक बुजुर्ग की मौत हो गयी जबकि एक बुजुर्ग का मुंह काला करते हुए सिर मुडंवाकर जंजीरों में बांध कर गांव में घुमाने का शर्मनाक मामला सामने आया है।

पहली घटना देहात कोतवाली के नन्दनगर अचानकपुर की है जहां एक बुजुर्ग को इस शक में की बीमार गाय को छोड़कर भाग रहा था। गांव वालों ने बुजुर्ग कैलाश शुक्ला को पकड़ लिया और उनका मुंह काला कर सिर मुंडवाते हुए जंजीरों में बांध कर पूरे गांव मे घुमाया जबकि बुजुर्ग गाय को जंगल में छोड़ने की बात कहकर गिड़गिड़ाता रहा भगवान की दुहाई देता रहा लेकिन किसी ने भी बुजुर्ग नहीं सुनी और हैवानियत की हदें पार करते हुए पानी से भरे गड्ढे में धकेल दिया। वहीं बुजुर्ग कैलाश को गम्भीर चोटें आई है और अस्पताल में इलाज किया जा रहा है।

इसी तरह ललिया के मथुरा बाजार पुलिस चौकी इलाके के लालपुर गांव में लड़कियों से छेड़खानी का आरोप लगा कर कुछ लोगों ने 72 साल के कोइल्हे नामक एक बुजुर्ग की सड़क पर लाठी डंडो से पीट-पीट कर उसे अधमरा कर दिया। गांव के प्रधान ने मामला बिगड़ता देख डायल 100 को सूचना दी। पुलिस कोइल्हे को अस्पताल ले जाने के लिये आयी तो लेकिन कुछ घण्टो बाद बुजुर्ग का शव सड़क किनारे पड़ा मिला।

सबसे बड़ा सवाल यह है कि जब पुलिस बुजुर्ग को अस्पताल में भर्ती करवाने ले गयी थी तो उसका शव सड़क किनारे कैसे पड़ा मिला। मृतक के परिजनों का आरोप है कि करीब 5 घण्टे बुजुर्ग का शव बारिश में पड़ा भीगता रहा लेकिन कोई पुलिस वाला नहीं आया। इतना ही नहीं मृतक के भाई ने पुलिस को जो तहरीर दी थी पुलिस ने उसे भी बदल कर मामले को दबाने का प्रयास में लगी रही। एसपी बलरामपुर का कहना है कि अचानकपुर घटना के 4 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है जबकि ललिया की घटना के सम्बंध में कुछ भी साफ बोलने से कतराते नजर आ रहे है।