अनाज घोटाले की जद में मऊ के भी कोटेदारों में किसी का डर नहीं

खबरें अभी तक। उत्तर प्रदेश में लंबे स्तर पर 43 जनपदों में फर्जी तरीके से अनाज का घोटाला सामने आने के बाद भी मऊ जनपद के कोटेदारों में जरा भी डर नहीं| जनपद में 45 कोटेदार ऐसे मिले हैं जिनके तार अनाज घोटाले से जुड़े हुए है| जिला आपूर्ति विभाग भी अपनी तरफ से जांच कर एक एक कोटेदारों को चिन्हित कर FIR दर्ज कराने की कार्रवाई शुरू कर चुका है| पुरे प्रदेश में फर्जी आधार नंबर से किसी अन्य व्यक्ति के अंगूठे के निशान लगा कर अनाज को लेता रहा लेकिन असली लाभार्थी इससे वंचित रहा|

जहां पुरे प्रदेश में इस अनाज घोटाले के बाद हड़कंप मचा हुआ है वही जनपद के कोटेदारों पर इसका जरा भी असर नहीं है| जब हमने इसकी पड़ताल की तो पाया कि शहर क्षेत्र के ज्यादातर कोटेदारों की दुकाने बंद थीं| जबकि नीयम के हिसाब से छुट्टी का दिन छोड़ के लगातार 26 दिनों तक कोटेदार दुकानों को खोले रखेंगे| लेकिन आपूर्ति विभाग द्वारा अनाज घोटाले के तार ढूंढने और इससे मचे हड़कंप के बाद भी शहर क्षेत्र के कोटेदार अपनी दुकाने बंद कर मजे कर रहे जैसे कि कुछ हुवा ही न हो |

बताते चले की प्रति यूनिट और एक कोटेदार के पास लाभार्थियों की संख्या के अनुपात में ही अनाज दिया जाता है | गेंहूँ के प्रति बोरी में 50 किलो , तथा चावल की बोरी में 50 किलो अनाज होता है | लाने और ले जाने में कुछ अनुपात कम भी हो सकता है | लेकिन आपूर्ति विभाग के गोदामो से तौल के ही अनाज कोटेदारों को दिया जाता है |