सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बनेंगे जस्टिस रंजन गोगोई, 3 अक्टूबर को लेंगे शपथ

खबरें अभी तक। सुप्रीम कोर्ट के अगले मुख्य न्यायाधीश जस्टिस रंजन गोगोई होंगे। मुख्य न्यायाधीश जस्टिस दीपक मिश्रा ने उनके नाम की सिफारिश केंद्र को भेजेंगे। नियम मुताबिक सबसे वरिष्ठ जज मुख्य न्यायधीश होते हैं। मुख्य न्यायाधीश के रूप में जस्टिस रंजन गोगोई 3 अक्टूबर शपथ लेंगे। उम्मीद की जा रही है कि अगले एक-दो हफ्ते के अंदर सरकार के अनुरोध पर राष्ट्रपति सचिवालय जस्टिस गोगोई को अगले चीफ जस्टिस के लिए नामांकित कर देगा।

जस्टिस गोगोई का देश का अगला मुख्य न्यायाधीश बनना तय माना जा रहा है। इंडिया लीगल के मुताबिक कानून मंत्रालय ने प्रोटोकॉल के तहत जस्टिस दीपक मिश्रा से अपने उत्तराधिकारी के नाम की सिफारिश करने की घोषणा की है। एक रिपोर्ट के अनुसार जस्टिस दीपक मिश्रा दो सितंबर को अपना पत्र मंत्रालय को भेज सकते हैं। वर्तमान मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा दो अक्टूबर को रिटायर हो रहे हैं।

परंपराओं के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट के सबसे सीनियर जज को प्रधान न्यायाधीश नियुक्त किया जाता है और सीनियॉरिटी के हिसाब से जस्टिस गोगोई प्रधानन्यायाधीश के बाद सबसे ऊपर हैं। जस्टिस गोगोई 12 फरवरी 2011 को पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के प्रमुख न्यायाधीश बने। 23 अप्रैल 2012 को वह सुप्रीम कोर्ट के जज नियुक्त हुए। बताया जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट के मुख्यन्यायाधीश के तौर पर जस्टिस गोगोई का कार्यकाल 1 साल 1 महीने और 14 दिन का होगा। वह 17 नंवबर 2019 को रिटायर होंगे।

बता दें कि जस्टिस गोगोई सुप्रीम कोर्ट के उन चार जजों में शामिल हैं, जिन्होंने पहली बार मुख्यन्यायाधीश के खिलाफ आरोप लगाए थे। सवाल उठाने वाले सुप्रीम कोर्ट के चार जजों में जस्टिस गोगोई के साथ जस्टिस चेलमेश्वर, जस्टिस मदन लोकुर और जस्टिस कुरियन जोसेफ शामिल थे।

चारों जजों ने न सिर्फ अनियमितता को लेकर लिखी चिट्ठी को सार्वजनिक किया, बल्कि चीफ जस्टिस पर नियमों की अनदेखी कर केस जजों या फिर खंडपीठ को सौंपने का आरोप लगाया, जिसमें कई अहम केस भी हैं। इन जजों ने कहा कि अगर न्याय व्यवस्था को दुरुस्त नहीं किया गया तो लोकतंत्र महफूज नहीं रहेगा। जजों ने बताया कि उन्होंने अपनी बातें मुख्यन्यायाधीश के सामने रखीं। उन्हें पत्र भी लिखा, लेकिन उन्होंने इस पर ध्यान नहीं दिया और इसके बाद उनके पास देश के सामने अपनी बात रखने के अलावा कोई और चारा नहीं था।